दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नगर निगम (एमसीडी) की कार्यप्रणाली पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने स्थायी समिति की बैठकों के लगातार टलते रहने को गंभीर लापरवाही करार दिया और कहा कि यदि समिति निष्क्रिय रहेगी, तो जनता से जुड़े मुद्दे कैसे सुलझेंगे. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि एमसीडी की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए, ताकि नीतिगत फैसले समय पर लिए जा सकें और लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके.
अधिकारियों को चेतावनी और जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि दिल्ली के समग्र विकास और नागरिक सुविधाओं में सुधार के लिए एमसीडी को ठोस योजनाएं तैयार करनी होंगी और उन पर ईमानदारी से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी तरह सहयोग देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए एमसीडी को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. अगर काम ढंग से नहीं हुआ, तो सरकार से सहयोग की उम्मीद न करें.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि जनता के हितों से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने एमसीडी में कार्यरत डीबीसी (डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स) कर्मचारियों की समस्याएं दूर न करने पर भी नाराजगी जताई.
शहरी विकास मंत्री की नाराजगी
वहीं, दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने भी एमसीडी की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए एमसीडी को विशेष फंड जारी किया था, लेकिन अब तक उसका सही उपयोग नहीं हुआ है. मंत्री ने कहा कि जब संसाधन और बजट दोनों उपलब्ध हैं, तो सफाई व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं दिख रहा?
सूत्रों के अनुसार, एमसीडी ने सरकार से मिले फंड का बड़ा हिस्सा अब तक खर्च नहीं किया है. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि जनता के टैक्स से मिले पैसे का उपयोग जनता की सुविधा के लिए होना चाहिए, न कि फाइलों में दबा रहना चाहिए.
सफाई और नागरिक सुविधाओं पर फोकस
पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में कई इलाकों में सफाई, कूड़ा प्रबंधन और मच्छर जनित बीमारियों की शिकायतें बढ़ी हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री और मंत्री दोनों का यह सख्त रुख दिखाता है कि सरकार अब एमसीडी की सुस्ती को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
सरकार चाहती है कि एमसीडी निर्णय प्रक्रिया तेज करे, हर वार्ड में सफाई और नागरिक सुविधाओं पर फोकस बढ़ाए और जनता को साफ, सुरक्षित और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराए. अब देखना यह होगा कि एमसीडी सरकार की फटकार के बाद कितनी तेजी से काम में सुधार करती है.