Sunday, November 16, 2025

आग बुझाते वक्त पानी में बहे सबूत! दिल्ली धमाके वाली जगह पर मिले प्रतिबंधित कारतूस

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नई दिल्ली। हाल ही में हुए दिल्ली धमाके की जांच काफी तेजी से चल रही है। अब तक करीब 3 तीन दर्जन आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में एनएसजी ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत संबंधित जांच एजेंसी को सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि बम में किस-किस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया और इसके कुछ और इंटरनल पहलुओं की जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। जिस पर एजेंसियों ने काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी बताया है कि धमाके के बाद फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने के लिए इतना पानी इस्तेमाल किया कि उसमें धमाके के काफी अहम सबूत बह गए। जिससे सैपल जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
इधर, मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली से लेकर फरीदाबाद और श्रीनगर समेत कई अन्य शहरों में संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। अभी तक 50 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ समेत 150 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पकड़े गए आठों आरोपियों और बम धमाके में मारे गए डॉक्टर उमर के मोबाइल फोन और लोकेशन के आधार पर इन क्लू की सीक्वेंस मिलाई जा रही है। एनआईए की एक टीम अब आधिकारिक रूप से जम्मू-कश्मीर स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के साथ गिरफ्तार आठों आरोपियों से पूछताछ में शामिल हो गई है। कुछ कारों में बम प्लांट करने और अन्य जगह पर भी विस्फोटक छिपाए जाने का शक है। फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि दिल्ली, लखनऊ और अन्य शहरों के भी कुछ डॉक्टरों के डेटा खंगाले जा रहे हैं। एनआईए ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में लुधियाना निवासी जनीसुर आलम को गिरफ्तार किया था। जिसके दिल्ली विस्फोट लिंक से संबंध तलाशे जा रहे है।
धमाके वाली जगह पर मिले प्रतिबंधित कारतूस
बारीकी से हो रही जांच में पता चला है कि धमाके वाली जगह पर प्रतिबंधित कारतूस मिले हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, धमाके की जांच के दौरान घटनास्थल पर गहन तलाशी ली गई। इसी तलाशी अभियान के दौरान ये तीन कारतूस बरामद हुए। इन कारतूसों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि ये किसी सामान्य नागरिक के पास नहीं हो सकते। इनकी मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है और यह सवाल खड़ा करती है कि ये प्रतिबंधित हथियार और कारतूस धमाके वाले स्थान तक कैसे पहुंचे। पुलिस अब इन कारतूसों के स्रोत का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से जांच कर रही है। आशंका है कि इनका संबंध किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है? कारतूसों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि इनसे जुड़ी कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सके।

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