नई दिल्ली: दिल्ली सिविल डिफेंस की ओर से मंगलवार दोपहर 12 बजे लोकनायक अस्पताल परिसर में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों, विशेष रूप से अग्निकांड या अन्य आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों की समीक्षा करना है.
अस्पताल की एक्सीडेंट एंड इमरजेंसी विभाग की उपचिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ऋतु सक्सेना ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान, अस्पताल स्टाफ, सुरक्षा कर्मी और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स आपात स्थिति की सूचना मिलते ही एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेंगे. मॉक ड्रिल में फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और पुलिस टीमों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है.
मरीजों और तीमारदारों से ना घबराने की अपील
सिविल डिफेंस अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास न केवल आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने का जरिया है, बल्कि इससे आम लोगों को भी जागरूक किया जाएगा कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए. मरीजों और उनके परिजनों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और अस्पताल प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. इस प्रकार के मॉक ड्रिल्स से वास्तविक आपदा की स्थिति में नुकसान को न्यूनतम किया जा सके और समय पर प्रभावी कार्रवाई हो सके. लोकनायक अस्पताल की डिजास्टर वार्ड में भी एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी कर्मचारियों को आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी.
दिल्ली के 600 से ज्यादा निजी स्कूलों में भी मॉक ड्रिल
अस्पताल के अलावा दिल्ली के 600 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में भी मॉक ड्रिल की जाएगी. जिला प्रशासन ने सभी 11 जिलों में स्कूलों की सूची भी जारी की है, जिन स्कूलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. लगभग हर जिले के 40 से 50 स्कूल मॉक ड्रिल में शामिल हो रहे हैं.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए 3 दिन पहले आदेश जारी किए गए थे. उसके बाद से ही इस मॉकड्रिल की तैयारी शुरू हो गई थी. बताया जा रहा है कि इस तरह की मॉक ड्रिल 1965 के भारत-पाक युद्ध और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भी हो चुकी हैं.