नई दिल्ली । देश में भगवान की धरोहर को देखने के लिए उत्तराखंड के चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री धामों के दर्शन के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य है। उत्तराखंड सरकार ने तीर्थ यात्रियों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला आईटी तकनीक के माध्यम से तीर्थ यात्रियों के लिए एक सुविधा प्रदान करने का हिस्सा है। अब ऑफलाइन पंजीकरण के दौरान वन टाइम पासवार्ड (ओटीपी) अनिवार्य नहीं होगा। इससे परिवार के सभी सदस्य का पंजीकरण एक साथ हो सकेगा। रजिस्ट्रेशन केंद्र 28 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के साथ हरिद्वार, विकासनगर, और ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन काउंटर खोलने की भी दिशा दी गई है। पर्वतीय जिलों में भी काउंटर खोले जा रहे हैं। गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि 13 लाख से अधिक यात्री अब तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट 2 और 4 मई को खुलेंगे और श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे। इसके अलावा यमुनोत्री और गंगोत्री धाम 30 अप्रैल को खोले जाएंगे। तीर्थ यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जा सकेगा। यात्री इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से करा सकेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 8 अप्रैल को यात्रा व्यवस्थाओं की शानदार बैठक लेने का भी ऐलान किया है। वे 25 अप्रैल तक मार्गों की स्थिति सुधारने के निर्देश देंगे। इस फैसले से तीर्थ यात्रियों को ज्यादा सुरक्षित तरीके से यात्रा करने का मौका मिलेगा। सरकार के इन कदमों से यात्रियों के लिए सुविधाएँ बढ़ेंगी और उनकी यात्रा सुरक्षित और आसान होगी।
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