छठ को लेकर रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को लेकर खास तैयारी की है. देशभर में ऐसे 35 प्रमुख स्टेशन चिह्नित किए हैं, जहां इस त्योहार को लेकर यात्रियों की भीड़ सबसे अधिक रहती है. इनमें से 18 स्टेशन बिहार के विभिन्न शहरों- जैसे पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, समस्तीपुर, सहरसा और गया में स्थित हैं. इन सभी जगहों के लिए विशेष योजना बनाकर स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया जा रहा है, ताकी लाखों यात्री सुरक्षित और सुगमता से अपने घर पहुंच सकें.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे ने इस बार भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रेन संचालन को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष वार रूम प्रणाली लागू की है. यह वार रूम 24 घंटे सक्रिय है और रियल टाइम में हर ट्रेन की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. यदि किसी स्टेशन पर ट्रेन अपेक्षा से अधिक देर तक रुक गई, तो स्थानीय अधिकारियों से तुरंत संपर्क कर स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है. परिणामस्वरूप, पूरे देश में चल रही स्पेशल ट्रेनों में से सिर्फ एक ट्रेन छह घंटे देरी से अपने गंतव्य पर पहुंची, जबकि अन्य ट्रेनों में सामान्यतः तीन से चार घंटे तक की मामूली देरी दर्ज की गई.
76 रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे
उन्होंने आगे बताया कि यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए आने वाले समय में देश के 76 रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे. इन जगहों पर यात्रियों के ठहरने, प्रतीक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी. इससे त्योहारी सीजन में भीड़भाड़ के दौरान यात्रियों की आवाजाही अधिक सहज और सुरक्षित हो सकेगी.
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि 23 अक्टूबर तक 1.2 करोड़ यात्री रेल यात्रा कर चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में करीब 50 लाख अधिक हैं. यह दर्शाता है कि भारतीय रेल की सेवाओं में यात्रियों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है.
10,700 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं
एक और अहम पहलू यह रहा कि इस बार पहले की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक लोगों ने नियमित टिकट लेकर यात्रा की. रेल मंत्री ने बताया कि इस वर्ष कुल 10,700 स्पेशल ट्रेनें आईआरसीटीसी के माध्यम से संचालित की गईं, जिनके टिकट ऑनलाइन बुक किए गए.
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष त्योहारों के दौरान यात्रियों की और बेहतर सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनों की घोषणा पहले से की जाएगी, ताकि यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना समय रहते बनाने में मदद मिले. रेल मंत्रालय का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में ट्रेनों की समयबद्धता, सुरक्षा और यात्री अनुभव को और बेहतर बनाया जाए.