नई दिल्ली : दिल्ली में लाल किले के सामने विस्फोट मामले में बड़ी अहम जानकारी सामने आई है। ब्लास्ट की जांच कर रही खुफिया एक बड़ा खुलासा किया है। इससे पता चलता है कि सुसाइड बॉम्बर उमर उन नबी मुख्य साजिशकर्ता था। साथ ही, आरोपी हरियाणा के फरीदाबाद से मिले विस्फोटकों का इस्तेमाल करके जम्मू-कश्मीर में 'कुछ बड़ा' करने की योजना बना रहे थे। मीडिया रिपोर्ट में, सूत्रों के हवाले से गुरुवार को यह जानकारी सामने आई है।
नेल पेंट रिमूवर और पिसी हुई चीनी से विस्फोटक
सूत्रों के मुताबिक, जांच करने वालों ने पाया कि विस्फोटक बनाने में एसीटोन, जिसे आमतौर पर नेल पॉलिश रिमूवर के नाम से जाना जाता है, और पिसी चीनी का इस्तेमाल किया गया था। लाल किला ब्लास्ट और फरीदाबाद में मिले विस्फोटकों के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान डॉ. उमर के तौर पर हुई है। डॉ. उमर ही वह हुंडई i20 कार चला रहा था जिसमें लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस ब्लास्ट में 15 लोग मारे गए थे।
खुद को 'अमीर' कहता था डॉ. उमर
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉ. मुजम्मिल ने माना कि उमर खुद को 'अमीर' कहता था, जिसका मतलब राजकुमार, कमांडर या लीडर होता है। वह खुद को एक बेहतर, जानकार शासक मानता था। साथ ही, मानता था कि कोई भी उसकी समझ का मुकाबला नहीं कर सकता। उमर हिंदी, उर्दू, इंग्लिश, फारसी, अरबी, चीनी और फ्रेंच समेत नौ से अधिक भाषाएं जानता था।
उमर ने J-K में 'कुछ बड़ा' प्लान किया था
उमर ने मुजम्मिल, डॉ. आदिल, डॉ. शाहीन और मुफ्ती इरफान से बार-बार कहा कि देश का माहौल खराब हो रहा है। पोलराइज़ेशन बढ़ रहा है और नरसंहार हो सकता है। उसने कहा कि जब से आर्टिकल 370 हटाया गया है, उसे जम्मू-कश्मीर में सिक्योरिटी फोर्स से बहुत नफरत हो गई है। प्लान था कि ग्रुप फरीदाबाद में रखे एक्सप्लोसिव के साथ जम्मू-कश्मीर जाएगा, जहां उमर कुछ बड़ा करने का प्लान बना रहा था।
कोर ग्रुप में मुजम्मिल, उमर, आदिल, शाहीन और मुफ्ती इरफान थे। उमर लीडर था क्योंकि वह सबसे स्मार्ट और सबसे एक्टिव था। उसने चीनी में एक ग्रुप चैट बनाया, जहां सारी बातचीत, और यहां तक कि ग्रुप का नाम भी, चीनी में था। उमर ने छह महीने में चीनी सीख ली थी। वह कोर ग्रुप बातचीत करने के लिए चीनी का इस्तेमाल करता था।

