भारत सरकार नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्यपथ करने की तैयारी में है.इसी महीने की सात सितंबर यानी आने वाले बुधवार को नई दिल्ली नगर पालिका की अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगा दी जायेगी.
नाम बदलने के पीछे कोई आधिकारिक ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन जानकार इसे प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले की प्राचीर से आजादी के 75वें साल में गुलामी से जुड़ी हर चीज से देश को आजाद कराने की बात से जोड़ कर देख रहे हैं.पीएम मोदी अपने भाषण में कहा था कि देश को गुलामी के हर प्रतीक से मुक्त होना चाहिये.माना जा रहा है कि ये नाम परिवर्तन इसी दिशा में एक कदम है.नेता जी सुभाष चंद्र बोस के स्टैच्यू से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जो सड़क जाती है, उसे अब राजपथ की जगह ‘कर्तव्यपथ’ कहा जायेगा.
मोदी सरकार ने इससे पहले भी दिल्ली में नाम परिवर्तन किया है. जैसे प्रधानमंत्री बनते ही रेसकोर्स रोड को बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था.
दिल्ली के औरंगजेब रोड का नाम बहलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया.
डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड किया गया.
दिल्ली से बाहर इलाहाबाद शहर का नाम बदल कर प्रयागराज कर दिया गया था.मुगलसराय रेलवे रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन कर दिया गया. मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के पीछे भी एक कहानी है. भारतीय जनसंध के अध्यक्ष रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय का शव इसी स्टेशन के यार्ड में पोल के पास पाया गया था.देश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दिवंगत नेता को सम्मान देने की दृष्टि से मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर उनके नाम पर किया गया.
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