दिल्ली विधानसभा ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के ऑडिट पैरा की निगरानी के लिए भारत सरकार के ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (APMS) सॉफ्टवेयर का उपयोग करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी देते हुए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग के लिए नई तकनीक अपनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. भारत सरकार और दिल्ली सरकार के बीच समन्वय में इस सॉफ्टवेयर को अपनाने पर सहमति बनी है.
एपीएमएस सॉफ्टवेयर संबंध में बीते दिन एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें विजेंद्र गुप्ता ने APMS को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) डॉ. आशीष चंद्र वर्मा को निर्देश दिए. वहीं, वर्मा ने भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव (वित्त मंत्रालय) परमा सेन को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के लिए APMS के उपयोग की अनुमति मांगी थी.
दिल्ली की महालेखाकार के प्रयासों से मिली गति
आशीष चंद्र वर्मा के पत्र के जवाब में परमा सेन ने आश्वासन दिया कि जब तक दिल्ली सरकार अपनी स्वयं की प्रणाली विकसित नहीं कर लेती, तब तक वह भारत सरकार की APMS प्रणाली का उपयोग कर सकती है. दिल्ली की महालेखाकार रोली शुक्ला मालगे के प्रयासों से इस प्रक्रिया को गति मिली है. उनके समन्वय से ही केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस सॉफ्टवेयर को अपनाने की दिशा में सहमति बनी.
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बीत दिन APMS की कार्यप्रणाली और इसके लाभों पर आधारित एक प्रस्तुति देखी. नियंत्रक महालेखा अधिकारी (CGA) के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत इस सत्र में स्पष्ट किया गया कि यह प्रणाली किस प्रकार से ऑडिट पैराग्राफ की ट्रैकिंग, समाधान और निगरानी में सहायता करेगी.
इस प्रणाली की जल्द स्थापना की जाए- विजेंद्र गुप्ता
वहीं, इस बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली सरकार द्वारा अपनी प्रणाली विकसित किए जाने तक केंद्र की APMS प्रणाली को अस्थायी रूप से अपनाया जाएगा. लोक लेखा समिति (PAC) की आगामी बैठकों को ध्यान में रखते हुए, विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि संबंधित विभाग इस प्रणाली की शीघ्र स्थापना को प्राथमिकता दिया जाए. साथ ही इसको लेकर आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.