Friday, November 22, 2024

बिहार शिक्षा विभाग का कारनामा,सातवीं कक्षा की परीक्षा में कश्मीर को बताया अलग देश

रिपोर्टर – अमित कुमार , किशनगंज

कश्मीर को हड़पने के लिए पाकिस्तान अक्सर अलग मंचो पर कश्मीर को अलग प्रांत बता कर उसे भारत से अलग करने की कोशिश करता रहता है जिसका भारत की तरफ से मुहतोड़ जवाब भी मिलता है लेकिन अगर देश के अंदर ही ऐसे कारनामें होने लगे तो इस क्या कहा जाये?

मामला बिहार के सीमांचल के प्रांत किशनगंज से सामने आया है .यहां इन दिनों बिहार शिक्षा विभाग के आदेश पर कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ के बिहार के सभी छात्र छात्राओं की अर्धवार्षिक (half yearly exam) परीक्षा ली जा रही है,जो 12 अक्टूबर से आरंभ हुई है और 18 अक्टूबर तक चलेगी. इस परीक्षा के दौरान

17 अक्टूबर सोमवार को सातवीं क्लास की अंग्रेजी की परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया जिसने शिक्षा बोर्ड की मंशा पर सवाल उठा दिया है.छात्रो से सवाल में पूछा गया कि :What are the people of the following countries called ? One is done for you.

(इस सवाल पर पूछा गया कि नीचे दिए गए देश के नागरिकों को क्या कहा जाता है।आपके लिए एक उदाहरण दिया गया है)

प्रश्न पत्र में चाइना का उदाहरण देते हुए लिखा है कि चीन के नागरिकों को चाइनीज कहा जाता है तो नेपाल के नागरिकों,इंग्लैंड के नागरिकों,कश्मीर के नागरिकों और भारत के नागरिकों को आप क्या कहेंगे ?

इन सवालों के जवाब के लिए कुल आठ अंक निर्धारित किये गये, यानी एक सवाल के लिए दो अंक.जिसमें चार प्रश्नों का जबाव लिखने पर आठ अंक मिलेंगे.

सवाल उठता है कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाले ने किस मानसिकता के साथ सवाल तैयार किया?

शिक्षा विभाग के वो अधिकारी या शिक्षक किस मानसिकता के साथ बच्चों का भविष्य तय करने बैठे हैं जो कश्मीर को अलग देश मानते हैं?

इस मामले के संज्ञान में आते ही बीजेपी ने इसे हाथों हाथ लिया है और इसे युवा पीढ़ी के बीच जहर घोलने की कोशिश बताया है. बीजेपी युवा मोर्चा के अंकित कौशिक का कहना है कि “शिक्षा विभाग के प्रश्नपत्र सेट करनेवाले पदाधिकारी  चीन,नेपाल, इंग्लैंड और भारत के साथ कश्मीर को भी अलग देश मानते है.तभी तो उन्होंने बिहार के बच्चों के बीच कश्मीर को अलग राष्ट्र बताकर जहर घोलने का काम किया.इस तरह पैटर्न का प्रश्न पत्र सीमांचल के अररिया, किशनगंज और कटिहार के छात्रों से पूछा गया है,जो मामला गंभीर है.”

स्कूल के शिक्षको के लिए भी ये सवाल समझ से परे हैं कि इस तरह के सवाल का मकसद ही क्या हैं,वो बच्चों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कैसे करेंगे?

जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता से मामले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कैमरे के सामने कुछ बोलने से इंकार कर दिया. भाजपा के नेता इस तरह के सवाल पर शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़े कर इसे सजिश बता रहे है,जिसके लिए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से शिकायत की बात कर रहे हैं.

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