Starlink Launch : भारत में इंटरनेट की दुनिया में मुकेश अंबानी की कंपनी जियो की मोनोपॉली जल्द ही खत्म होने वाली है. हाल के दिनों में जिस तरह से जियो ने अपने डेटा पैक्स के दामों में बढोतरी की है, उससे उपभोक्ता परेशान हैं. ऐसे में भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. भारत के इंटरनेट के बाजार में उतरने वाले हैं अमेरिका के अरबपति कारोबारी एलन मस्क. माइक्रो मैसेजिंग साइट एक्स औऱ स्पेसेक्स की सफलता के बाद अब मस्क इंटरनेट की दुनिया में कब्जा जमाने जा रहे हैं.
Reliance has fallen by 20% from its recent high.
People say Elon Musk will bring Starlink to India and Trump will make it happen.
That is the reason for under performance of Reliance and other telecom stocks in India.
Today I bought Reliance shares worth Rs 1 Crore.
Will buy more… pic.twitter.com/tBLVsi8qXI— P R Sundar (@PRSundar64) November 12, 2024
Starlink Launch के लिए भारत में रास्ता साफ
एलन मस्क की कंपनी Starlink ने भारत सरकार की डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी रूल्स जैसी शर्तें मान ली हैं. इसलिए स्टारलिंक का भारत के बाजार में उतरने का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में अब जल्द ही Starlink से हम भारत में भी इंटरनेट सेवा प्राप्त कर सकेंगे. एलन मस्क की कंपनी Starlink एक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनी है, जो इस समय दुनिया भर के लगभग 100 देशों में काम कर रही है. आपको बता दें कि Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्पेसएक्स कंपनी द्वारा विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य दुनिया के रिमोट और जहां कहीं भी इंटरनेट की कमी है उन इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट को पहुंचाना है.
इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत हो सकता सर्विस शुरु
भारत में स्टारलिंक की सर्विस इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत से होने की उम्मीद है , क्योंकि भारत में टेलिकॉम के लिए नियम निर्धारित करने वाली कंपनी TRAI के द्वारा इसकी कीमतों का निर्धारण और स्पेक्ट्रम के आवंटन नियम को स्थापित करने के बाद ही सर्विस शुरू होंगी. उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर तक TRAI इसकी कीमत और स्पेक्ट्रम आवंटन के नियम तय कर सकती है.
स्टारलिंक को अनुमति मिलने से बड़ी कंपनियां नाराज
खबर है कि स्टारलिंक के भारत आने को लेकर मौजूदा ब्रॉडबैंड बाजार के बड़े खिलाडी जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां नाराज हैं. जियो और एयरटेल स्पेक्ट्रम की नीलामी के जरिए आवंटन पर जोर दे रही हैं. इन कंपनियों का कहना है कि नीलामी के जरिए पुराने डेटा ऑपरेटर्स को भी एक समान अवसर मिलने चाहिए, जिन्होंने स्पेक्ट्रम खरीदे हैं और टेलीकॉम टावर जैसे बुनियादी ढ़ांचे स्थापित किये हैं. वहीं स्टारलिंक का कहना है कि उसकी सेवाओं का मौजूदा टेलीकॉम सर्विस से कोई लेना देना नहीं हैं, उनकी सर्विस इनसे अलग हैं.