मंगलवार को चक्रवात बिपारजॉय को लेकर अलर्ट जारी होना शुरु हो गए है. फिलहाल बिपारजॉय एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है. इसके अगले 48 घंटों में और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदलने की उम्मीद है और बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान की तीव्रता तक पहुंच सकता है. चक्रवात का ट्रैक अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की संभावना है. चक्रवात बिपारजॉय इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है. भारत में मानसून का मौसम आमतौर पर जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है.
केरल नहीं पहुंचा मानसून, 7 जून तक आने की संभावना- IMD
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को सूचित किया कि केरल में मानसून के आगमन में तीन से चार दिनों की और देरी हो रही है. पहले अनुमान लगाया गया था कि मानसून 4 जून तक राज्य में दस्तक देगा, अब इसके 7 जून तक केरल पहुंचने की संभावना है.
आईएमडी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं में वृद्धि के साथ, स्थितियां अनुकूल हो रही हैं. साथ ही, पछुआ हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है और 4 जून, यह एक बिंदु पर पहुंच गई जो समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर.
कहा कहर बरपा सकता है बिपारजॉय
बिपारजॉय चक्रवात से भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है. सबसे भारी बारिश गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में होने की उम्मीद है. तेज हवाओं से बिजली गुल हो सकती है और संपत्ति को नुकसान हो सकता है. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है.
भारत से काफी दूर है बिपारजॉय- IMD वैज्ञानिक
वहीं, मुंबई के IMD वैज्ञानिक सुनील कांबले का कहना है कि, “अनुमान है कि अरब सागर में अगले 24 घंटों में चक्रवात बन सकता है. चक्रवात हमारे तटों से 1000-1100 किमी दूर है, इसलिए हमारे तटों पर इसका इतना असर संभव नहीं है. समुद्र में मछुआरों को जाने से मना किया गया है, ये आदेश अगले 10 दिनों तक रह सकता है.”
अनुमान है कि अरब सागर में अगले 24 घंटों में चक्रवात बन सकता है। चक्रवात हमारे तटों से 1000-1100 किमी दूर है, इसलिए हमारे तटों पर इसका इतना असर संभव नहीं है। समुद्र में मछुआरों को जाने से मना किया गया है, ये आदेश अगले 10 दिनों तक रह सकता है: सुनील कांबले, IMD वैज्ञानिक, मुंबई pic.twitter.com/jZr7PxbBQ6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2023
चक्रवात बिपार्जॉय को इसका नाम कैसे मिला?
चक्रवात को बाइपरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया था. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में ट्रॉपिकल चक्रवातों का नाम देता है. बांग्लादेश ने बिपरजॉय नाम दिया, जिसका बंगाली में अर्थ है “आपदा”.
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