Tuesday, July 22, 2025

Bihar News :राजधानी में मेडिकल की छात्रा ने की खुदखुशी, कोटा के बाद बिहार बन रहा सुसाइड स्पॉट

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(न्यूज डेस्क, दिल्ली) पटना में मेडिकल की एक छात्रा ने अपने कमरे में बंद होकर फांसी लगा ली. घटना को लेकर पुलिस की छानबीन जारी,घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नही मिला. हैरान करने वाली बात है कि कोटा के अब बिहार में छात्रों की आत्महत्या के आँकड़ों के में वृद्धि हो रही है।  पिछले एक साल में 20 से अधिकों छात्रों ने आत्महत्या कर लिया।

मेडिकल की तैयारी कर रही थी छात्रा

मामला राजधानी पटना के एसकेपुरी थाना क्षेत्र की उत्तरी आनंदपुरी की गर्ल्स हॉस्टल की है जहाँ एक मेडिकल की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका  राजधानी में मेडिकल की तैयारी करती थी. मृतका छपरा की रहने वाली थी.

सुसाइड Medical student commits suicide in the capital, Bihar is becoming a suicide spot after Kota

पुलिस का कहना है कि पुलिस को सूचना मिली कि उत्तरी आनंदपुरी में गुरुवार रात गर्ल्स हॉस्टल में एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया. जिसकी सूचना के पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और अभी मामले की जांच कर रही है. हॉस्टल के अन्य छात्राओं से भी पूछताछ की जा रही है. जिसमें छात्राओं ने बताया कि शिवांगी पिछले एक साल से पटना में रहकर पढ़ाई कर रही थी। घटनास्थल से किसी प्रकार का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

परिजनों का कॉल रिसीव नहीं होने पर हुई आशंका

गुरुवार की शाम में शिवांगी के परिजनों ने कई बार कॉल किये, लेकिन शिवांगी के तरफ से कोई जवाब नही मिलने पर परिजनों ने शिवांगी के रूममेट को फोन किया. जो उस समय वहाँ नही थी. जो वो जब हॉस्टल आई तो दरवाजा अंदर से बंद था. काफी आवाज देने के बाद भी जब घंटों दरवाजा नहीं खुला तो दरवाजा तोड़ दिया गया. जिसके बाद सबने देखा कि शिवांगी सिंह फंदे से लटकी थी.

 

जांच में जुटी पुलिस

एसकेपुरी थाना के थानाध्यक्ष ने बताया कि अभी तक हमें कुछ भी प्राप्त नही हुआ है. हम शिवांगी के मोबाइल को खंगाल रहे है.

 

प्रतिवर्ष  लोग करते है सुसाइड? 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजे आँकड़ों में 2022 में भारत में आत्महत्याओं के संख्याओं में 4.2% की चिंताजनक वृद्धि हुई है. इस वर्ष देश में कुल 1.7 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए. जिसके प्रमुख कारणों में ‘पारिवारिक समस्याएँ,’ ‘विवाह संबंधी समस्याएँ,’ दिवालियापन और ऋणग्रस्तता, ‘बेरोज़गारी एवं पेशेवर मुद्दे’ तथा बीमारी’ आदि शामिल हैं. आत्महत्या के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और फिर तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में दर्ज किया गया है. आत्महत्या के मामलों में 12,000 से अधिक छात्र शामिल है.

 

भारत में एजुकेशन स्टेटस सुसाइड रेट

9 से 10 -23.9%
6 से 8-  18%
11 और -12 15.9%
प्राइमरी लेवल -14.5%
अशिक्षित -11.5%
ग्रेजुएट -5.2%
डिप्लोमा -1.6%
प्रोफेशनल्स -0.4%

 

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