बिहार में सुशासन बाबू के राज में अपराध हर दिन बढ़ता जा रहा है . यहां तक कि बेलगाम अपराध बिहार पुलिस के काबू से बाहर है. इसका उदाहरण है 19 फरवरी की वो घटना जिसमें दिनदहाड़े अपराधियों ने राजधानी पटना में मौत का तांडव किया. पटना शहर से सटे जेठुली में दिन दहाड़े ताबडतोड़ 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई. इसमें 4 लोगों की बेरहमी की हत्या कर दी गयी. उसके बाद भी पुलिस हरकत में नहीं आयी. नतीजतन एक घर और कम्युनिटी हॉल में आग लगा दी गयी. सबसे हैरानी की बात ये है कि घटना स्थल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आवास कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर था.
राजधानी में मौत का तांडव
पटना में मौत का ये खेल मामूली विवाद से शुरू हुआ था.सड़क किनारे गिट्टी गिराने को लेकर पहले बहस हुई और फिर गोलियां चलने लगीं. शहर से सटे इलाके में अपराधी बेखौफ होकर गोलियां चलाते रहे .उन्हें ना तो पुलिस का खौफ था और ना ही किसी अनहोनी का. वे तो बस लोगों को अपना शिकार बनाते रहे. घटना में पांच लोगों को गोली मारी गयी, जिसमें इलाज के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई . एक शख्स की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है. सबसे शर्मनाक बात है कि जिन पुलिस कर्मियों पर जनता की हिफाज़त की ज़िम्मेदारी थी वो हमेशा की तरह सारी कहानी खत्म होने के बाद पहुंची.
पार्किंग को लेकर हुआ खून खराबा…
फायरिंग में मारे गये युवक गौतम कुमार के चाचा संजीत कुमार ने बताया कि उनकी गाड़ी अपने पार्किंग में लगी थी. तभी गाड़ी के सामने कुछ लोग गिट्टी गिराने लगे. ऐसे में उन्हें मना किया गया कि वे वहां गिट्टी ना गिरायें, वरना गाड़ी नहीं निकल पायेगी. संजीत ने बताया कि गांव का ही उमेश राय का गिट्टी उतर रहा था. मना करने पर गौतम के परिजनों से उमेश राय की बहस हुई. उसके बाद सबक सिखाने की धमकी दी गयी.
जिसके थोड़ी ही देर बाद उमेश राय, रमेश राय, सतीश राय, उमेश राय, बच्चा राय वहां हथियार से लैस होकर पहुंच गये और ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया. उन सब ने गौतम कुमार और उसके परिजनों पर ताबड़तोड़ गोलिय़ां बरसाय़ी. घटना की जानकारी देते हुए संजीत कुमार ने बताया कि उमेश राय गुट के लोगों ने 100 राउंड से भी ज्यादा गोलियां चलाई. उनकी गोली पांच लोगों को लगी, जिसमें से गौतम कुमार और तीन और लोगों की मौत हो गयी है.
वहीं इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपी के कम्युनिटी हाल को आग के हवाले कर दिया है. जबकि कम्युनिटी हाल के पीछे ही गैस का गोदाम है. इससे बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता था. लेकिन लोगों का गुस्सा काबू से बहार था और पुलिस पहुंच से बाहर.
48 घंटे बाद जागी पटना पुलिस
हद तो तब हो गई जब घटना के 48 घंटे बाद बिहार पुलिस की नींद खुली, और आनन फानन में एसपी रुरल खुद नेतृत्व करने घटनास्थल पर पहुंचे और कमान संभाल ली. कार्रवाई के नाम पर 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
पटना शहर में पिछले तीन दिन से अपराधियों का नंगा नाच चल रहा है, लेकिन पुलिस अपराधियों के सामने पंगु नजर आ रही है. एक के बाद एक हत्याएं हो रही हैं.एक मृतक की सिर्फ 20 दिनों की बेटी में है. 2 साल के छोटे से मासूम ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. मृतक के शादी के सिर्फ 4 साल हुए थे. उसकी पत्नी व मां ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसके पति घर से खाना खा कर निकले, ठीक उसी वक्त बच्चा राय और उसके गुर्गे ने उसको पेट में गोली मार दी. इसके बाद हॉकी स्टिक से उसको मारा गया. इससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
उसके पति की मृत्यु के बाद वो मीडिया से इंसाफ की गुहार लगा रही है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि सबकुछ पुलिस की मौजूदगी में होता रहा. लेकिन पुलिस कार्रवाई करने के बजाय खानापूर्ति करती दिखी.