अयोध्या : भगवान रामलला के मंदिर में भगवान राम की बाल स्वरूप प्रतिमा स्थापित की जानी है. प्रतिमा के लिए अनेक राज्यों से शिला अयोध्या लाई जा चुकी है. आज प्रतिमा बनाने को लेकर के अयोध्या के राम कारसेवक पुरम में बैठक की गई .बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सदस्य डॉ अनिल मिश्रा और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी निर्मोही अखाड़ा के महंत तथा ट्रस्टी दिनेंद्र दास जी महाराज समेत मूर्ति चित्रकार मौजूद थे.
अलग अलग राज्यों से 11 शिलाएं आई हैं
शिल्पकारों को वह शिला भी दिखाई गई जो शिला अनेक राज्यों से लाई गई हैं. दो शिला नेपाल की गंडकी नदी से , कर्नाटक से दो शिला लाई गई, राजस्थान से चार शिला लाई गई, कर्नाटक से तीन शिलाएं अयोध्या पहुंच चुकी हैं. अब तक कुल 11 शिलाएं आ चुकी हैं. यह शिलाएं भगवान रामलला की प्रतिमा बनाने के लिए लाई गई हैं. अब इन सब का परीक्षण निरीक्षण होगा और उनमें से मूर्तियों के लिए जो सबसे अच्छा विग्रह लगेगा उसका चयन किया जाएगा.
कई मूर्तिकार पहुंचे हैं
अलग अलग जगहों से अलग अलग मूर्तिकार यहां पर आए हैं जो इन चुने गए विग्रह से राम लला की मूर्ति तराशेंगे. महाराष्ट्र के चित्रकार वासुदेव कामथ ने बताया कि वो अभी सिर्फ चित्र बना रहा हैं. दो पैर पर खड़ी मूर्ति की ड्रॉइंग तैयार की जा रही है, मूर्ति बैठी हुई नहीं होगी. भारतीय शिल्प विज्ञान के अनुसार मूर्ति का रेखांकन होगा और मेरे ड्राइंग में जो अब तक मुझे बताया गया है कि खड़ी रहने के लिए मजबूती के लिए कुछ उसमें प्रभाव पीछे रखना है. कुछ सुझाव शिल्पकार को ये भी दिए गए हैं कि प्रतिमा को मुकुट पहनाना हो अलग से या बाद में सिंगार के समय यदि कपड़े पहना ना हो, गहने डालने हो तो उसमें क्या-क्या बदलाव आवश्यक हैं.