कहते हैं कि कुछ बड़ा हासिल करना है तो बने लिमिटलेस. आजकल किसी को प्रोत्साहित करने और उसका हौसला बढ़ाने सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते है ये दो शब्द “Be limitless” ऐसा सोचो ऐसा करो जिसकी सीमा न हो. जहां रुकना और ठहरना जैसे शब्द ही न हो. इसलिए अक्सर हमने देखा है ऐसे लोग जो लीक से हटकर Limitless लक्ष्य रखते हैं, उनके लिए आसमान भी छोटा पड़ जाता है. आज हम आपको एक ऐसी ही लिमिटलेस सोच रखने वाली महिला के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपनी आत्मकथा का नाम ही रखा है – limitless(लिमिटलेस).
लिमिटलेस एक ऐसी महिला की कहानी है, जिन्होंने 60 के दशक में स्काई डाइविंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स को अपने लिए चुना और तमाम बाधाओं के बावजूद कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किए. नॉर्थ पोल पर भारत का तिरंगा भी फहराया.
दुनिया भर में जब एडवेंचर स्पोर्ट्स को आम तौर पर पुरुषों की पसंद माना जाता था. तब पद्मश्री रेचल थॉमस ने विश्व स्तर पर होने वाली स्काई डाइविंग चैंपियनशिप में तीन बार भारत का प्रतिनिधित्व किया. रेचल थॉमस ने 2002 में नार्थ पोल पर तिरंगा लहराया. इसके साथ ही रेचल थॉमस भारत की पहली महिला बनीं,जिन्हें व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए साल 2005 में एविएशन फील्ड में पद्मश्री से नवाजा गया. भारत के राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने रेचल थोमस को सम्मानित किया.
रेचल थॉमस के नाम और भी कई सम्मान हैं. उन्हें साल 2003 में लिम्का बुक ने पीपल ऑफ द इयर के खिताब से नवाजा. साल 1995 में उन्हें इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी सम्मान मिला. साल 1994 में नेशनल एडवेंचर अवार्ड मिला,तो वहीं साल 1993 में रेलवे मिनिस्टर अवार्ड भी उन्होंने अपने नाम किया. रेचल थॉमस देश की उन गिनी चुनी महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने मुसीबतों को हरा कर खुले आसमान में अपना परचम लहराया.
बुधवार को दिल्ली में पद्मश्री रेचल थोमस की आत्मकथा “लिमिटलेस” का विमोचन हुआ. इस किताब में पद्मश्री रेचल थोमस ने अपने अनुभवों को साझा किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और एयरो क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी ने उनकी जीवनी “लिमिटलेस” का विमोचन किया.
ACI के अध्यक्ष सांसद राजीव प्रताप रुड़ी ने किया Limitless का विमोचन
पुस्तक के विमोचन के समय एयरो क्लब ऑफ इंडिया (ACI) के अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “जिस समय इस खेल के बारे में लोग सोचते नहीं थे, उस समय रेचल ने आकाश में कलाबाजियां दिखाई. जो खेल आम लोगों के लिए जानलेवा माना जाता था. उसे रेचल थोमस ने अपनाया और इसे एक जिद की तरह अपना कर एचवेंचर स्पोर्ट की दुनिया में मुकाम हासिल किया.”
पद्मश्री रेचल थॉमस की इस असाधारण जिंदगी में कई उतार चढ़ाव भी आए लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनकी जिंदगी की कलाबाज़ियों और उनके लिमिटलेस लक्ष्य आकाश को जीत लेने की कहानी है “Limitless”. ये किताब पद्मश्री रेचल थॉमस के हौसलों की उड़ान से आपको मिलाती है.