कांग्रेस सांदस शशि थरूर ने रविवार को यूसीसी पर कांग्रेस के रुख को साफ करते हुए कहा कि कांग्रेस अभी यूसीसी पर कुछ नहीं बोलेगी. सरकार जब ये साफ कर देगी की असल में वो यूसीसी के नाम पर पर्सनल लॉ में क्या बदलाव करना चाहती है तभी कांग्रेस बताएगी की वो यूसीसी के समर्थन में है या विरोध में
शशि थरूर ने क्या कहा
मीडिया को दिए अपने बयान में कांग्रेस सांसद ने कहा, “एक चिंता है जो डर का आधार है कि विभिन्न समुदाय द्वारा मिले अधिकारों का हनन हो सकता है. हमें पहले यह देखना है कि आखिर सरकार का प्रस्ताव क्या है. सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट नहीं रखा है और न ही हितधारकों के साथ किसी भी तरह की कोई चर्चा शुरू की है. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है कि वह तब तक कुछ नहीं कहेगी जब तक ड्राफ्ट सामने नहीं आता… हमें हिंदू कोड बिल लाने के लिए भी आज़ादी के बाद 9 साल लगे और इसलिए लोगों को समझाने में समय लगता है”.
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में यूसीसी को लेकर हुआ था फैसला
समान नागरिक संहिता पर कानून और न्याय मंत्रालय के बैठक के नोटिस और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल में यूसीसी के समर्थन में की गई टिप्पणी के बाद 2 जुलाई को कांग्रेस ने अपने संसदीय दल की एक बैठक की थी.
कांग्रेस की बैठक में अधिकांश नेताओं ने तर्क दिया कि यूसीसी के बारे में चर्चा वास्तविक मुद्दों से अनावश्यक ध्यान भटकाने वाली है. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं भी मौजूद थे. यूसीसी को लेकर कांग्रेस के संसदीय रणनीति समूह की बैठक में विचार यह था कि पार्टी को “विरासत की समानता” जैसे व्यक्तिगत कानूनों में बहुत जरूरी सुधारों का विरोध नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अधिकांश नेताओं और पार्टी का मानना है कि यूसीसी विविधता पर हमला हो सकता है.”
यूसीसी को बताया बीजेपी की चाल
बैठक में भाग लेने वाले अधिकांश नेताओं ने महसूस किया कि यूसीसी का उपयोग सरकार असल में एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति के रुप में कर रही है. उनका तर्क था कि कांग्रेस को केवल बयानों के आधार पर बीजेपी के “जाल” में नहीं फंसना चाहिए. आम सहमति यह थी कि पार्टी को सरकार के विधेयक लाने का इंतजार करना चाहिए. हलांकि सूत्रों के हवाले से ये भी बात सामने आई थी कि हिंदी पट्टी के कुछ नेता बैठक में यूसीसी के विरोध या समर्थन के पक्ष में स्पष्ट नहीं थे.
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