आम चुनावों में 99 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस अब संसद में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करने की हकदार है. इसी का नतीजा है कि अब कांग्रेस के अंदर राहुल गांधी Rahul Gandhi को इस प्रतिष्ठित पद पर बिठाने के लिए आवाजें तेज हो रही हैं.
कांग्रेस सांसद ने की पोस्ट लिख Rahul Gandhi को नेता विपक्ष बनने की मांग
बुधवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद मणिकम टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व पार्टी अध्यक्ष से निचले सदन में कांग्रेस का नेता बनने का आग्रह किया.
तमिलनाडु के विरुधुनगर से जीतने वाले टैगोर ने कहा, “मैंने अपने नेता राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगे. मुझे लगता है कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस का नेता होना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि निर्वाचित कांग्रेस सांसद भी यही सोचते होंगे. देखते हैं कि कांग्रेस संसदीय दल क्या फैसला करता है. हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं.”
राज्यसभा सांसद ने भी दोहराई मांग
वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी यही बात दोहराते हुए कहा, “राहुल जी ने अभियान का नेतृत्व किया. वे कांग्रेस का चेहरा थे. लोकसभा संसदीय दल के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेना उनका कर्तव्य है. @RahulGandhi अपने बारे में सभी निर्णय नहीं ले सकते. कुछ निर्णय पार्टी नेताओं/सांसदों को लेने होते हैं. निश्चित रूप से सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा.” कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा, “…मुझे लगता है कि यह पद कांग्रेस के पास आएगा. मेरी निजी राय में, राहुल गांधी को कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता की भूमिका खुद निभानी चाहिए.” 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी को पार्टी द्वारा 2024 में शानदार वापसी का श्रेय दिया जा रहा है.
संजय राउत ने कही थी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात
सिर्फ़ कांग्रेस के नेता ही नहीं, बल्कि शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी गांधी की तारीफ़ की. राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर राहुल गांधी नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, तो हमें आपत्ति क्यों होगी? उन्होंने कई बार खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पर साबित किया है. वह लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. हम सभी उन्हें चाहते हैं और उनसे प्यार करते हैं. गठबंधन में कोई आपत्ति या मतभेद नहीं है.”
सभी संवैधानिक पद पर नहीं रहे हैं राहुल गांधी
2004 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले 53 वर्षीय नेता राहुल गांधी ने कभी किसी संवैधानिक पद पर काम नहीं किया है, तब भी जब यूपीए की 2 बार सरकार रही यानी कांग्रेस सत्ता में थी.
पिछले साल उन्हें मानहानि के मामले में संसद से निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि भाजपा ने उन पर प्रधानमंत्री के उपनाम का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगाया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वापस उनकी सीट पर बिठा दिया था.