सोमवार को दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में उत्तर प्रदेश से जुड़ी महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, महासचिव प्रियंका गांधी सहित उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए. ऐसा माना जा रहा है कि बैठक में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की दशा-दिशा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav) की तैयारियों के संबंध में चर्चा हुई.
आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में उत्तर प्रदेश से जुड़ी महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक हुई।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge, श्री @RahulGandhi, कांग्रेस संगठन महासचिव श्री @kcvenugopalmp और उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, महासचिव श्रीमती @priyankagandhi सहित उत्तर प्रदेश… pic.twitter.com/ZykhcwQqsx
— Congress (@INCIndia) December 18, 2023
यूपी से कौन-कौन नेता हुए शामिल
तो आपको बता दें, इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) के अलावा पार्टी के दोनों विधायक को बुलाया गया है. इसके साथ ही 2009 में यूपी से लोकसभा के चुनाव जीते सांसदों को भी दिल्ली बुलाया गया है. माना जा रहा है कि बैठक में ये फैसला होगा की यूपी में पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होकर आगे बढ़ें या फिर खुद पर भरोसा कर चुनाव में अकेले उतरे.
यूपी में राहुल निकाल सकते है भारत जोड़ो यात्रा
इसके अलावा चर्चा ये भी है कि बैठक में उस यात्रा की संभावना पर भी चर्चा होने की संभावना है जिसे राहुल गांधी 2024 के चुनावों से पहले बेरोजगारी और महंगाई को मुख्य मुद्दा बनाकर निकाल सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी पैदल यात्रा सहित हाइब्रिड मोड में पूर्व से पश्चिम तक यात्रा पर विचार कर रही है और जल्द ही अंतिम निर्णय लिए जाने की उम्मीद है.
एसपी के साथ गठबंधन का नहीं हुआ था फायदा
बात अगर गठबंधन की करें को 2017 में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हुआ था. उस वक्त समाजवादी पार्टी ने 298 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि कांग्रेस ने 105 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. तब कांग्रेस के खाते में महज 7 सीटें आई थीं, जो 2012 के मुकाबले 21 कम थीं. जबकि सपा ने 177 सीटें जीती थीं. बात अगर जीत के प्रतिशत की करें को तब कांग्रेस का जीत का प्रतिशत महज 6 फीसदी था, जबकि सपा का सीट का प्रतिशत 59 फीसदी था. लोकसभा चुनाव 2019 में तो कांग्रेस को और बड़ी हार का सामना करना पड़ा था जब दिग्गज नेता राहुल गांधी खुद अमेठी लोकसभा सीट हार गए और पार्टी राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से महज एक रायबरेली सीट जीत पाई थी.
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