Thursday, November 7, 2024

Manipur All Party meet: पीएम मोदी की गैर मौजूदगी में मणिपुर हिंसा पर क्यों बुलाई गई सर्वदलीय बैठक

”मणिपुर पिछले 50 दिनों से जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं. सर्वदलीय बैठक ऐसे समय बुलाई गई है जब वह खुद देश में नहीं हैं. इससे साफ है कि प्रधानमंत्री के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है” राहुल गांधी का ये ट्वीट तब सामने आया है जब मणिपुर संकट पर विचार करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाया है. सीधे तौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है.

कांग्रेस का सवाल-पीएम के बिना सर्वदलीय बैठक का क्या मतलब

सवाल ये है कि जो बीजेपी मणिपुर में विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि मंडल तक को जाने नहीं दे रही थी वो हिंसा के 50 दिन बाद कैसे सर्वदलीय बैठक के लिए तैयार हो गई. हलांकि इस बैठक को लेकर अब विपक्ष ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री की गैर मौजूदगी में ऐसी बैठक का क्या मतलब है.
सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सबसे पहले, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की इतनी गंभीर बैठक से अनुपस्थिति उनकी विफलताओं का सामना करने में उनके “डर और अनिच्छा” को दर्शाती है. उन्होंने कहा, यहां तक कि जब कई प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की मांग की, तब भी उनके पास मिलने के लिए समय नहीं था.
वेणुगोपाल ने कहा कि, हिंसा और जानमाल के नुकसान के 53-54 दिन बीत जाने के बावजूद प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द नहीं बोला है. कम से कम उनकी ओर से शांति का आह्वान तो किया जाना चाहिए था.’ जब गृह मंत्री पहले ही राज्य का दौरा कर अपनी कवायद कर चुके हैं तो शाह को दोबारा बैठक बुलाने की क्या जरूरत है. कम से कम मणिपुर में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक बुलानी चाहिए थी.

अब बहुत देर हो चुकी है, मणिपुर जल रहा है-ममता बनर्जी

सिर्फ कांग्रेस ही नहीं टीएमसी ने भी इस बैठक को देर से उठाया गया कदम बताया. 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी ने कहा, “अब बहुत देर हो चुकी है, मणिपुर जल रहा है. मणिपुर के लोग मुसीबत में हैं. सेंट्रल फोर्स की मौजूदगी में मंत्री का घर जल रहा है. यह पूरी तरह विफलता है, उन्होंने बैठक बुलाई है इसलिए पार्टी की ओर से डेरेक ओ ब्रायन जाएंगे.”

पीएम के अमेरिका दौरे के दौरान सुनाई दी मणिपुर की पुकार

वैसे पीएम मोदी की चुप्पी और मणिपुर के बिगड़ते हालात की गूंज अमेरिका में पीएम के दौरे के दौरान भी सुनाई दी. 22 जून (गुरुवार) को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस पहुंचे तो सैकड़ों भारतीय उनकी एक झलक पाने के लिए साउथ लॉन के पास इंतजार कर रहे थे. उसी समय, प्रदर्शनकारियों का एक समूह भी मौजूद था. प्रदर्शनकारियों में से कई मणिपुर की कुकी जनजाति के सदस्य थे, जिन्होंने राज्य में चल रही जातीय हिंसा और सरकार की कथित उदासीनता और यहां तक कि मैतेई समुदाय के समर्थन को भी उठाया. उनके हाथों में बैनर थे जिन पर लिखा था, “कुकी-ज़ोमी गांवों पर हमला करना बंद करो” और “पीएम मोदी: कुकी-ज़ोमी की चीखें सुनो, भारत के मणिपुर में राज्य प्रायोजित नरसंहार बंद करो”.

मणिपुर की मांओं का सवाल-क्यों चुप है पीएम मोदी

इसके अलावा जब 19 जून को इम्फाल की महिलाओं द्वारा संचालित एमा कीथल या मदर्स मार्केट के प्रतिनिधियों ने जंतर मंतर पर धरना दिया था. इस घटना को भी विश्व मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया था. मदर्स मार्केट के प्रतिनिधि में हिंदू और पंगाल मुस्लिम दोनों समुदायों से मैतेई शामिल थे. धरना से पहले मणिपुर की मां के नाम से पुकारी जाने वाली महिलाओं ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर हिंसा शुरु होने के बाद पीएम मोदी की चुप्पी और राज्य का दौरा नहीं करने का मुद्दा उठाया था. उनका कहना था कि “चुनाव प्रचार के दौरान, प्रधान मंत्री और अन्य मंत्री हमारे राज्य में आए. लेकिन इतने लोगों की जान जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं आए हैं,”

विदेशी मीडिया के डर से बुलाई गई बैठक !

यानी एक तरफ विपक्ष का बढ़ता दबाव तो दूसरी तरफ विश्व मीडिया में मणिपुर से जुड़ी खबरें….और ऐसे में प्रधानमंत्री का अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में सवाल लेने का फैसला ही शायद वो वजह थी जिसके चलते आनन फानन में गृह मंत्री अमित शाह को 24 जून को मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का एलान करना पड़ा.

यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के दावे ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किल

वैसे इस बीच एक खुलासे ने भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. मणिपुर के कुकी उग्रवादी नेता और यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के अध्यक्ष एस.एस. हाओकिप ने यह दावा किया है कि भाजपा ने 2019 के आम चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनावों में मदद के लिए उनके संगठन के साथ एक समझौता किया है. हाओकिप ने 7 जून, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो पेज के ज्ञापन में भाजपा की मदद करने का दावा किया.
इस ख़बर के मीडिया में आने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 20 जून को समाचार रिपोर्ट को रिट्वीट किया और पोस्ट किया था कि, “यह विस्फोटक है. जो लंबे समय से माना जाता रहा है वह अब ब्लैक एंड व्हाइट में सिद्ध हो गया है. यह उस बात को पुष्ट करता है जो मैं हमेशा से कहता रहा हूं: आरएसएस/भाजपा की राजनीति के कारण मणिपुर आज जल रहा है.’
वैसे ये साफ है कि बीजेपी न विपक्ष की आलोचना से डरती है, न किसी खुलासे का उसे डर सता रहा है. उसे चिंता थी तो विदेशी मीडिया और पीएम के अमेरिका दौरे के दौरान हुए प्रदर्शन से उठे सवालों की.

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