लखनऊ, 17 फरवरीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi ने कहा है कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देकर किस तरह देश की एकता और आर्थिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, यह महाकुम्भ के अवसर पर सहज ही अनुभव किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या, काशी और प्रयागराज में जिस प्रकार श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, उसने भारतीय संस्कृति को नई पहचान तो दी ही है, अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बूस्ट दिया है। अयोध्या, काशी और प्रयागराज ने भारत के पोटेंशियल को दर्शाया है।
CM Yogi ने महाकुंभ को बताया फायदे का सौदा
मुख्यमंत्री योगी, सोमवार को महाराष्ट्र से आये ‘युवा उद्यमियों से संवाद’ कर रहे थे। युवा भारत संस्था के तत्वावधान में मुंबई के औद्योगिक घरानों से जुड़े उद्यमी संवाद में शामिल हुए। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ पर उंगली उठाने वालों को भी करारा जवाब दिया। बोले कि, महाकुम्भ का विरोध करने वालों से हमारी इकॉनमिक्स बेहतर है। उन्होंने उद्यमियों से पूछा कि अगर केंद्र व राज्य की तरफ से मिलकर 7500 करोड़ रुपये खर्च करके अर्थव्यवस्था में तीन से साढ़े तीन लाख की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है तो कौन सा सौदा सही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, प्रयागराज, काशी, चित्रकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम के दौरान यह लोग विरोध कर रहे थे, लेकिन जब सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से निर्णय लिया तो रिजल्ट सामने है। एक वर्ष में रामजन्मभूमि मंदिर में 700 करोड़ का चढ़ावा आया। इन लोगों को अब यह भी बुरा लगेगा।
53 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुम्भ में अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की पावन डुबकी लगा चुके हैं। अगले 9 दिन तक यह उत्सव इसी रूप में चलेगा। यही भारत की पोटेंशियल है। भारत की आस्था को यदि सम्मान दिया गया होता तो भारत और भी ऊंचाइयों को प्राप्त किया होता। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि आप सभी को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि, प्रयागराज, काशी समेत कई स्थलों को देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। वर्तमान में देश-दुनिया से श्रद्धालु तीनों स्थानों पर आकर भारत की आस्था को दुनिया के सामने भी दिखाकर अपनी ताकत का अहसास भी करा रहे हैं।
CM Yogi -पीएम मोदी की वजह से आस्था को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी में 25 करोड़ की आबादी निवास करती है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में पिछले 10 वर्ष के अंदर पहली बार देश की आस्था को सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने भारत के इस पोटेंशियल को पहचाना। उन स्थलों को फिर से मान्यता प्राप्त हुई, जिनके लिए भारत जाना जाता था। 500 वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला विराजमान हुए। 2016-17 में यूपी में जब भाजपा सरकार नहीं थी, तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या महज 2.35 लाख हुआ करती थी, 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 14-15 करोड़ से अधिक रही। सीएम ने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए जो कुछ भी हो रहा है, वह श्रद्धालुओं के सहयोग का परिणाम है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम बनने के पहले काशी में भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी, आज काफी अधिक हो चुकी है। परसो काशी में स्थानीय लोगों से बात की तो मुझे बताया गया कि काशी में इतनी भीड़ कभी नहीं देखी, जितनी पिछले डेढ़ महीने से देख रहे हैं। 2013 में प्रयागराज कुम्भ में 55 दिन के आयोजन में 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे। 2019 में अर्धकुम्भ को हमने कुम्भ के रूप में आयोजित किया, तब लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार प्रयागराज महाकुम्भ में 45 दिन के आयोजन में बीते 36 दिन में 53 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं।
35 दिन में 700 चार्टर फ्लाइट
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 35 दिन के अंदर 40 रूटीन के साथ फ्लाइट के साथ ही 700 से अधिक चार्टर उतरे हैं। रेलवे को प्रतिदिन सैकड़ों मेला स्पेशल रेल चलानी पड़ रही है। परिवहन निगम की 14 हजार बसों का बेड़ा चल रहा है। उन्होंने बताया कि 28 से 30 जनवरी तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। 28 को लगभग साढ़े पांच करोड़, 29 जनवरी को लगभग आठ करोड़ व 30 जनवरी को ढाई करोड़ श्रद्धालु आए थे। केंद्र व राज्य सरकार ने अपने स्तर पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। इंफ्रास्ट्रक्चर-कनेक्टिविटी अच्छी हो, मेले का विस्तार हो, संगम में जल की प्रचुर मात्रा हो। इस पर पहले से एक्सरसाइज की गई। अंततः सारी व्यवस्थाओं व कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में हमें सफलता प्राप्त हुई।
Spiritual tourism से मिला फायदा
CM Yogi ने बताया कि आज सुबह 8 बजे तक 40 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। अभी दिन भर यह कार्यक्रम चलेगा। सीएम ने कहा कि आस्था को सम्मान देने के साथ इसका इकॉनमिक ऑस्पेक्ट भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एक निवेशक प्रयागराज में निवेश करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि आस्था के अनुरूप द्वादश ज्योर्तिलिंग की रिप्लिका बनाएंगे। उनसे कहा गया कि रॉ मटेरियल (पुराना लोहा, फाइबर, टायर, स्टील) का इस्तेमाल करते हुए इसे बनाओ। उन्होंने कहा कि पैसा मैं लगाऊंगा, प्रॉफिट 50-50 होगा। इसके लिए नगर निगम ने 11 एकड़ लैंड भी उपलब्ध कराई।
जनवरी प्रथम सप्ताह में मैंने इसका उद्घाटन भी किया। उस संस्था ने 14 करोड़ रुपये लगाया। महज 21 दिन में मूलधन व इतना ही मुनाफा कमाया। फिर नगर निगम को भी प्रॉफिट दिया। शिवालिक पार्क का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्प्रिचुअल टूरिज्म में संभव है, जो प्रयागराज में एक जगह में ही संभव हुआ है। लाखों लोगों को कार्य मिला, उनकी आमदनी बढ़ी। यह यूपी की आमदनी के साथ बढ़ने जा रही है। सीएम ने कहा कि अनुमान है कि स्नानार्थियों की संख्या 60 करोड़ तक पहुंचती है तो यूपी की जीडीपी में सवा तीन से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होने वाली है।
महाकुंभ ने बताया भारत का महत्व – CM Yogi
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आस्था को मान लिया कि इसमें ताकत नहीं है, लिहाजा दुष्परिणाम भुगतना पड़ा। गुलामी कालखंड में यह बात मन में डाली गई कि भारतीय को कमतर करके आंकों, उसे महत्वहीन कर दो। जो भारत का है, उसका नहीं, बल्कि भारत के बाहर का महत्व है, लेकिन मोदी जी ने पहली बार भारतवासियों को अहसास कराया कि देश से जुड़े जीवन मूल्यों, आस्था व प्रोडक्ट को महत्व देकर हम स्वयं की महत्ता को बढ़ा सकते हैं। दूसरों की उपलब्धियों की बजाय पूर्वजों की विरासत पर गौरव की अनुभूति करेंगे तो दुनिया को बहुत कुछ दे पाएंगे। आज प्रयागराज वही कर रहा है। प्रयागराज, काशी व अयोध्या ने अपना स्केल व पोटेंशियल बताया। अनेक लोगों को रोजगार मिला तो कइयों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिली।