MahaKumbh 2025, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बार फिर से जनवरी-फरवरी के महीने में महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा. भारतवर्ष में हर 12 साल पर महाकुभ का आयोजन होता है. इस वर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ होना निश्चित हुआ है. उम्मीद है कि 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक इस बार महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा. उत्तर प्रदेश सरकार इस महाकुंभ के लिए युद्स्तर पर तैयारियां कर रही है. यीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर अपने आवास पर पदाधिककारियों की बैठक बुलाई जिसमें तैयारियों की समीक्षा की गई.
MahaKumbh 2025 के लिए सीएम योगी ने दिये निर्देश
विधा और सुरक्षा का मानक आयोजन बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है. यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत के ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा. हमें इसके सफल आयोजन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा. महाकुंभ के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागों के साथ मुख्यमंत्री ने सोमवार को बैठक कर अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास तथा कुंभ मेलाधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने अब तक की तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-
- 12 वर्षों के अंतराल पर आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर महाकुंभ का पावन अवसर आने वाला है. मानवता की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने को पूरी दुनिया उत्सुक है. आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हम सबने वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर एक मानक स्थापित किया है. इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं. आम जन की आस्था, अपेक्षा और आकांक्षा का ध्यान रखते हुए महाकुंभ की गरिमा और महत्ता के अनुरूप आयोजन होना चाहिए. एक बार पुनः हमें बेहतर टीमवर्क के साथ कार्य करके दिखाना होगा.
- 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ मेला प्रस्तावित है. संतगणों, स्नानार्थियों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों आदि की सुविधा के दृष्टिगत वर्ष 2019 के सापेक्ष महाकुंभ 2025 विशाल परिसर में आयोजित होगा. पिछली बार जहां 3200 हेक्टेयर में मेला फैला था, इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में इसका विस्तार किया जा रहा है. ऐसे में पार्किंग, पांटून पुल की संख्या, घाटों की संख्या, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की संख्या को आवश्यकतानुसार और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए.
- 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक के 45 दिवसों के भीतर पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख स्नान तिथियां होंगी. महाकुंभ में दैनिक श्रद्धालुओं/पर्यटकों के अतिरिक्त कल्पवासियों की उपस्थिति भी होगी. उनकी सुरक्षा, सुविधा और आवश्यकताओं के अनुरूप यथोचित व्यवस्था की जाए.
- कुशल प्रबंधन में ट्रैफिक और पार्किंग महत्वपूर्ण विषय है. मेलाक्षेत्र और प्रयागराज नगर में इन दोनों पर बेहतर कार्ययोजना बनाएं. प्रयास हो कि मेलाक्षेत्र में कोई भी पार्किंग संगम से 05 किमी से अधिक दूर न हो.
- प्रयागराज में 7 रिवर फ्रंट रोड, 14 आरओबी और 7 पुराने घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है. 6 लेन सेतु का निर्माण भी जारी है. यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए. जिन विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है, वह इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें, गुणवत्ता की परख करें और समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा कराएं.
- प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान सतत जारी रखें. सड़कों का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य समय से पूरा कराया जाए. रोड साइड फ़साड डेवलपमेंट का कार्य सितम्बर तक पूरा करा लिया जाए.
- महाकुंभ का पुण्यलाभ प्राप्त करने आ रहे श्रद्धालुओं और देश-दुनिया के पर्यटकों की सुविधा के लिए मेलाक्षेत्र तक सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए रोड, रेल और एयर की बेहतरीन कनेक्टिविटी होनी आवश्यक है. परिवहन विभाग द्वारा 7000 से अधिक बसों की व्यवस्था कराई जाए. नगर विकास विभाग द्वारा अधिकाधिक ईवी शटल बसों की उपलब्धता कराई जाए. एयरपोर्ट के नवीन टर्मिनल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक पूरा करा लें. व्यवस्था ऐसी हो जिससे एयरपोर्ट से मेलाक्षेत्र तक पहुंचने में 30 से 40 मिनट से अधिक समय न लगे.
- महाकुंभ भारत की प्राचीन संस्कृति का परिचायक है. इसकी गरिमा के अनुरूप पूरे नगर को सजाया जाना चाहिए. कुंभ से जुड़े कथानक, सनातन संस्कृति के प्रतीकों आदि को चित्रित किया जाए. चौराहों पर कुंभ के लोगो लगाए जाने चाहिए. थीम आधारित द्वार, स्तम्भ, लाइटिंग के प्रयास होने चाहिए.
- प्रयागराज कुंभ 2019 की स्वच्छता ने हर आगंतुक को प्रभावित किया था. इस बार हमें ऐसे प्रयास करने की आवश्यकता है. महाकुंभ 2025 प्रतिबंधित पॉलिथीन मुक्त हो, इसके लिए संकल्पित होकर जनसहयोग के साथ कार्य करना होगा. प्रयागराज का हर एक वार्ड-हर एक मोहल्ला स्वच्छ हो, इसके लिए मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित करायें. अभी से प्रयास प्रारंभ कर दें. जनजागृति बढ़ाएं. मेला क्षेत्र सहित पूरा प्रयागराज स्वच्छता का मॉडल बनकर प्रतिष्ठित हो, इसके लिए हर किसी को योगदान करना होगा. प्रयागराज नगर को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर ट्री गार्ड सहित पौधे लगाए जाएं. ग्रीन प्रयागराज-ग्रीन महाकुंभ का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाना चाहिए.
- महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के संभावित आगमन के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिए. इनकी नियमित सफाई हो, इसके लिए 10 हजार से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. कर्मचारियों के मानदेय का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए. मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात होने चाहिए.
- प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजनौर से बलिया तक के पूरे प्रवाह क्षेत्र में गंगा जी में कहीं भी गंदगी न हो. एक भी नाला/सीवेज गंगा जी में न गिरे. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ सभी संबंधित जिले में गंगा स्वच्छ समिति एक्टिव करें. गांवों से कूड़ा नदी में न डाला जाए. ड्रेनेज गंगा जी में न गिरें. मृत जानवरों का जल प्रवाह न किया जाए.
- अक्षयवट, सरस्वती कूप, पातालपुरी कॉरीडोर का कार्य तेजी से पूरा कराया जाए. सेना से अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है. उनसे सतत समन्वय बनाये रखें. नागवासुकि मंदिर, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर मंदिर, द्वादशमाधव मंदिर और अलोपशंकरी मन्दिर में पर्यटन विभाग द्वारा जारी कार्य समय से पूरे कर लिए जाएं.
- श्रद्धालुओं और पर्यटकों की।सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनके प्रवास के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए. सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अच्छे पंडाल तैयार करायें. विशिष्ट और अतिविशिष्ट अतिथियों के प्रवास के लिए भी शिविर तैयार किये जाने चाहिए.
- महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु/पर्यटक के साथ पुलिसकर्मियों के व्यवहार मधुर और मर्यादित हो. लोगों का सहयोग करें. फोर्स की तैनाती से पहले उनकी काउंसिलिंग की जानी चाहिये. पुलिस को 24×7 एक्टिव रहना होगा. मेले के दौरान भीड़ प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है. इसकी बेहतर कार्ययोजना तैयार करें. AI आधारित भीड़ की निगरानी, भीड़ घनत्व का विश्लेषण, घटना की रिपोर्टिंग, कॉल सेंटर, खोया पाया केंद्र, फ़ायरसेफ्टी, सीसीटीवी कैमरे, जल पुलिस की तैनाती आदि की समुचित व्यवस्था की जाए. जहां अतिरिक मैनपॉवर की आवश्यकता हो, प्रबंधन करें. सुरक्षा के सभी मानकों पर पुख्ता प्रबंध होने चाहिए.
- महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए रेलवे सबसे सहज साधन होगा. सबसे ज्यादा लोग इसी माध्यम से आएंगे. ऐसे में रेलवे के साथ समन्वय बनाएँ. राज्यवार ट्रेनों के लिए स्टेशन/प्लेटफार्म पहले से नियत होंगे तो सुविधा होगी. इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए. महाकुंभ आयोजन में किसी भी विभाग को कोई असुविधा आ रही हो तो तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.