Chirag Paswan Hajipur : LokSabha Election 2024 में बिहार की कुछ सीटें जिसे लेकर खूब घमासान हुआ है. उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे दिवंगत नेता रामविलास पासवान की सीट हाजीपुर भी एक है. हाजीपुर सीट पर मौजूदा सांसद दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस हैं. पशुपति पारस ने 2019 में हाजीपुर से चुनाव लड़ा और जीते भी. लेकिन इस बार ये इस सीट को चिराग पासवान ने अपने लिए नाक का सवाल बना लिया और तमाम तरह हथकंडे अपनाने के बाद आखिरकार बीजेपी आलाकमान से ये सीट अपने नाम कराने मे सफल रहे.
VIDEO | LJP (Ram Vilas) president Chirag Paswan (@iChiragPaswan) holds a roadshow ahead of filing his nomination from Bihar's #Hajipur Lok Sabha seat. #LSPolls2024WithPTI #LokSabhaElections2024
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— Press Trust of India (@PTI_News) May 2, 2024
Chirag Paswan Hajipur में चाचा पशुपति को हटाकर लड़ रहे हैं चुनाव
एनडीए में मंत्री पशुपति नाथ पारस इस बार अपने भतीजे से चारों खाने चित हो गए. हाजीपुर की सीट गई तो गई एनडीए ने एक भी सीट नहीं देकर उन्हें खाली हाथ कर दिया है. जिसके बाद चाचा ने बहुत हाथ पैर मारे, पर न आरजेडी ने घास डाली न कांग्रेस ने ,तो चाचा लौट के एनडीए में आ गए और भतीजे को हाजीपुर में समर्थन भी दे दिया. एनडीए में रार शांत होने के बाद आज 2 मई को चिराग पासवान ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है
चिराग पासवान के नामांकन में पहुंचे बीजेपी के बड़े नेता
चिराग पासवान ने आज तामझाम के साथ हाजीपुर से अपना नामांकन दाखिल किया. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाजीपुर कलेक्टरेट पहुंचकर नामांकन किया . इस मौके पर उनके साथ उनकी मां रीना पासवान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ,सांसद रामकृपाल यादव , प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और उनके बहनोई अरुण भारती मौजूद रहे. लेकिन हाजीपुर के मौजूदा सांसद पशुपति पारस कहीं नहीं नज़र आए.
नामांकन से पहले भावुक हुए चिराग
नामांकन से पहले चिराग ने साफ कर दिया की हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना उनके लिए एक भावात्मक लड़ाई है. चिराग पासवान हलांकि वर्तमान में जमुई से सांसद हैं और लगातार दो बार जमुई से चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन हाजीपुर की सीट से उनके पिता राम विलास पासवान जीतते आये थे, इसलिए एक पुत्र के रुप में चिराग खुद को इस सीट का उत्तराधिकारी मानते हैं. यही कारण है कि पिता की सीट पर काबिज अपने सगे चाचा को हटाने के लिए चिराग पासवान ने साम दाम दंड भेद सब किया और आखिरकार एनडीए को अपने पक्ष में मना लिया.
आज पापा होते तो वे मुझे ये सिंबल दे रहे होते , लेकिन जब वे नहीं है तो आज उनका आशीर्वाद लेकर निकल पड़ा हूं उनकी कर्मभूमि को एक नई पहचान दिलाने के लिए। मैं पापा के हर वो सपने को पूरा करूंगा जो उन्होंने हाजीपुर की जनता के लिए देखा था। pic.twitter.com/eYWKDuWq5f
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) May 2, 2024
सुबह के पूजा पाठ में जुटे चिराग पासवान
चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने से पहले सुबह से ही पूजा पाठ में व्यस्त रहे और फिर जब नामांकन भरने पहुंचे तो समहरनालय परिसर में लगे पिता की आदम कद प्रतीमा से आशीर्वाद लिया . ये ऐसा मौक था जब चिराग पासवान भावुक हो गये और कहा कि आज अगर पिता होते तो पार्टी का सिंबल खुद अपने हाथों से मुझे देते. सुबह सुबह चिराग ने सोशळ मीडिया पर पोस्ट भी लिखा
“आज पापा होते तो वे मुझे ये सिंबल दे रहे होते , लेकिन जब वे नहीं है तो आज उनका आशीर्वाद लेकर निकल पड़ा हूं उनकी कर्मभूमि को एक नई पहचान दिलाने के लिए. मैं पापा के हर वो सपने को पूरा करूंगा जो उन्होंने हाजीपुर की जनता के लिए देखा था.”
मौजूदा सांसद पशुपति पारस नहीं आये कहीं नजर
हलांकि कहने वालों ने ये भी कहा कि पिता की पार्टी तोड़ने वाली बीजेपी के साथ गए चिराग पासवान सिर्फ दिखावा कर करे हैं. इस मौके पर चाचा पशुपति पारस का नहीं होना भी कई लोगों को खला. जिस भाई को रामविलास पासवान ने हमेशा साथ रखा उसे चिराग ने दूध में से मक्खी की तरह निकाल दिया. खैर तमाम वाद विवाद के बीच चिराग पासवान ने आखिरकार अब अपने पिता की सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन तो दाखिल कर दिया है लेकिन अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या हाजीपुर की जनता भी इतनी ही भावुक होकर चिराग पासवान के पक्ष में मतदान करेगी ? ये देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या पशुपति पारस के समर्थक अब भतीजे चिराग पासवान का भी उस तरह से समर्थन करेंगे जैसा वो दिवंगत रामविलास पासवान की करते आये थे ?