लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी 25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है. प्रदेश में अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबन्धित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए. मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़ है. किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा.पर्व एवं त्योहारों को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच की कार्यवाही तेज की जाए. मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो. मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाए. मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों 07 मण्डल मुख्यालयों पर सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाओं का संचालन प्रारम्भ हो गया है. मेरठ, गोरखपुर और आगरा में दवाओं के नमूनों का विश्लेषण करने की सुविधा भी शुरू हो गई है. लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर, अलीगढ़, मीरजापुर, बरेली, आजमगढ़, अयोध्या और देवीपाटन मण्डल में मण्डलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा. जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करते हुए निर्माण कार्यों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाएगी. यह व्यापक जनहित से जुड़ीं महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं, इसमें अनावश्यक देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों के क्रम में ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल किया जाना आवश्यक है. आवेदन के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एक तय समय-सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए. आवेदक को परेशान न होना पड़े. इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है.
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.