Wednesday, August 6, 2025

वक्फ बोर्ड को सालाना मिलना चाहिए 200 करोड़, लेकिन आ रहे सिर्फ 5 लाख

- Advertisement -

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की स्थिति पर एक पुरानी कहावत “आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया” पूरी तरह से लागू होती है। राजधानी रायपुर में बैजनाथ पारा में एक दुकान का किराया मात्र 80 पैसे है, जबकि इस किराए के लिए बोर्ड को दो रुपये की रसीद काटनी पड़ती है।

यह किराया 1980 में बढ़ा था और तब से अब तक 45 वर्षों से यही किराया चल रहा है। इससे पहले यह किराया 35 पैसे था। वक्फ बोर्ड के पोर्टल पर प्रदेशभर में लगभग पांच हजार संपत्तियां पंजीकृत हैं। इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपये सालाना किराया मिलना चाहिए, लेकिन वर्तमान में केवल पांच लाख रुपये ही प्राप्त हो रहे हैं।

किराया बढ़ाने के लिए बोर्ड ने दो बार नोटिस भेजा है, लेकिन दुकानदारों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यदि तीसरे नोटिस के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में 100 रुपये से 500 रुपये तक किराये वाली लगभग 700 दुकानें हैं। इनमें रायपुर में टिकरापारा सहित अन्य क्षेत्रों में 200 से अधिक दुकानें शामिल हैं। वहीं, बाजार में 200 वर्गफीट की दुकानों का किराया 25,000 से 35,000 तक है।

पहले 23 हजार, अब मिल रहा पांच लाख किराया
अध्यक्ष ने बताया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का किराया संशोधित करने की योजना बनाई जा रही है। कुछ जिलों में किराया संशोधन किया गया है, जिससे बोर्ड की आय में वृद्धि हुई है। बिलासपुर में 70 से अधिक दुकानों का किराया वक्फ बोर्ड को मात्र 23,000 रुपये मिल रहा था, लेकिन अब यह राशि बढ़कर पांच लाख से अधिक हो गई है।

बोर्ड का उद्देश्य समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद करना है, विशेषकर कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा और अन्य खर्चों का वहन करना है। उन्होंने कहा कि हम दुकानदारों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे एक बच्चे को गोद लें और उनकी शिक्षा का खर्च उठाएं।

बोर्ड की संपत्ति पर कुछ परिवारों का ही कब्जा
बोर्ड की दुकानों का किराया बहुत कम होने के कारण कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। कई लोग अपनी खुद की दुकानों के साथ-साथ बोर्ड की दुकानों को किराए पर लेकर मुनाफा कमा रहे हैं। अध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड की संपत्तियों पर मौलाना, मौलवी और मुल्तवियों के परिवारों का कब्जा है, जिससे बोर्ड अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहा है।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news