CG News: किसान के कीटनाशक दवाई सेवन के मामले में कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने जांच कराई। जांच में सामने आया कि रामकुमार पिता सियाराम निवासी ग्राम भुसरेंगा ने उप पंजीयक गुंडरदेही को जहर सेवन की धमकी देते हुए हकत्याग निष्पादन के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया। जबकि उसने विधिवत कोई भी आवेदन कार्यालय उप पंजीयक गुंडरदेही के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था। उसने जहर नहीं खाया बल्कि स्वास्थ्यगत कारणों से भर्ती कराया गया।
घटनाक्रम बहन के मूल नाम को लेकर : घटना में राजस्व अभिलेख के संबंध में जानकारी यह है कि रामकुमार की बहन का मूल नाम रेवती है, जो राजस्व अभिलेख में इंद्राज किया गया है। राजस्व अभिलेख में भी उनकी बहन का नाम रेवती पिता सियाराम दर्ज है। आवेदक ने पूर्व में सहखातेदार नाबालिग धर्मेन्द्र के फौती के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें तत्कालीन नायब तहसीलदार गुंडरदेही द्वारा 30 अप्रैल 2024 को दस्तावेजों की जांच कर 26 जून 2024 को आदेश पारित किया गया।
मूल नाम अनुसार ही रेवती नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया। फौती के बाद सहखातेदारों के मध्य 23 दिसंबर 2024 को बंटवारा आदेश पारित किया गया, जिसमें आदेश के बाद आवेदक ने बहन का मूल नाम रेवती ही दर्ज कराया। रामकुमार द्वारा ही बताया गया कि उसकी बहन का मूल नाम रेवती है और शादी के बाद उसका नाम लक्ष्मी किया गया एवं आधार कार्ड में भी लक्ष्मी नाम लिखवाया गया है।
नियमों के तहत रजिस्ट्री नहीं होने की जानकारी दी
स्वास्थ्यगत कारणों से रामकुमार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुंडरदेही में भर्ती किया गया, जहां विकासखंड चिकित्सा अधिकारी के जांच में मरीज द्वारा जहर का सेवन नहीं करना पाया गया एवं प्राथमिक जांच व उपचार के बाद स्थिति सामान्य होने पर चिकित्सा अधिकारी द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया। प्रथम दृष्टया घटना में राजस्व रिकार्ड एवं आधार कार्ड में नाम परिवर्तित होने के कारण विभागीय नियमों के तहत रजिस्ट्री न होने की जानकारी उप पंजीयक द्वारा आवेदक को दी गई।