Naxal Encounter की बड़ी खबर छत्तीसगढ़ से सामने आई है। बस्तर में कुख्यात नक्सली माड़वी हिडमा के मारे जाने के बाद अब फोर्स को एक और अहम सफलता मिली है। जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में संगठन के टॉप कमांडर देवजी के ढेर होने की बात कही जा रही है। आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार है, लेकिन सुरक्षा सूत्र इसे नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं। यह Naxal Encounter लंबे समय से वांछित ऑपरेशन का हिस्सा बताया जा रहा है।
थिपिरी तिरुपति उर्फ देवजी दक्षिण भारत के सबसे खतरनाक नक्सल नेताओं में शामिल था। वह मूल रूप से तेलंगाना के जगित्याल जिले के अंबेडकर नगर, कोरुतला मंडल का रहने वाला था। उसकी उम्र लगभग 64 साल थी और उसने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की थी। आंध्र प्रदेश के कुख्यात नक्सली बसवाराजू के मारे जाने के बाद संगठन ने देवजी को नया महासचिव नियुक्त किया था। उसके कई नाम थे—कुमा दादा, चेतन, संजीव, सुदर्शन और रमेश।
देवजी पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था। वह बस्तर में 135 से ज्यादा जवानों की हत्या और ताड़मेटला व रानीबोदली जैसे बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था। रानीबोदली हमले में 55 जवान शहीद हुए थे। गुरिल्ला युद्धकला में माहिर होने के कारण उसे नक्सली संगठन का सबसे कट्टर और खतरनाक कमांडर माना जाता था।
दक्षिण भारत में नक्सल विस्तार में उसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। उसने गोवा से केरल तक गुरिल्ला नेटवर्क तैयार किया। नक्सली नेता किशनजी की मौत के बाद उसने पश्चिम बंगाल के लालगढ़ आंदोलन का नेतृत्व भी किया।

