कवर्धा, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में पुलिस ने 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की ऑनलाइन ठगी में संलिप्त एक आरोपी नामदेव साहू को गिरफ्तार किया है। नामदेव साहू, जो हाथीडोम गांव का निवासी है, इस गिरोह के लिए अपने बैंक खातों को किराए पर देता था और इसके बदले में उसे ठगों से 10 फीसदी का कमीशन मिलता था।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि नामदेव साहू आईसीआईसीआई बैंक में एक करेंट अकाउंट चला रहा था, जिसमें अभी भी 70 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उस खाते को तुरंत होल्ड करा दिया है, ताकि आरोपी या उसके साथी उस रकम को निकाल न सकें।
कैसे काम करता था यह गिरोह?
यह गिरोह कथित तौर पर "कृषि केंद्र" की आड़ में देशभर में ऑनलाइन ठगी को अंजाम देता था। नामदेव साहू जैसे लोग, जिन्हें "म्यूल अकाउंट होल्डर" कहा जाता है, अपने बैंक खातों को किराए पर देकर इस ठगी में मदद करते थे। ठग विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगते थे और ठगी गई राशि को इन किराए के खातों में जमा करवाते थे। नामदेव साहू को इस काम के लिए 10% कमीशन मिलता था।
देशभर में 56 मुकदमे दर्ज
पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी नामदेव साहू के खिलाफ देशभर के 16 राज्यों में कुल 56 साइबर ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। यह दिखाता है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितना फैला हुआ था।
मास्टरमाइंड अभी भी फरार
पुलिस ने बताया है कि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड सत्या दुबे अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है और इस मामले में आगे की जांच जारी है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधों के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को सतर्क रहने का भी संदेश देती है।