छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कुसमुंडा क्षेत्र से एक बेहद संवेदनशील और चिंता जनक मामला सामने आया है, जहां महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन जमीन के बदले विस्थापन और रोजगार की मांग को लेकर था, जो कि एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खिलाफ किया गया। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं की नाराजगी और पीड़ा साफ तौर पर दिखाई दी, जिसने प्रशासन और शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
महिलाओं का अर्धनग्न प्रदर्शन करना सरकार के लिए चिंताजनक
इस मुद्दे को लेकर डोंगरगढ़ से कांग्रेस विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुसमुंडा से सामने आया यह वीडियो अत्यंत दुखद और शर्मनाक है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी कौन-सी परिस्थिति उत्पन्न हो गई, जो महिलाओं को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा? यह घटना राज्य सरकार की संवेदनहीनता और प्रशासनिक विफलता का स्पष्ट संकेत है।
हर्षिता बघेल ने कहा कि जब तक सरकार विस्थापित परिवारों को उनका हक और सम्मानजनक रोजगार नहीं देती, तब तक इस तरह के प्रदर्शन होना स्वाभाविक है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत एसईसीएल और संबंधित विभागों के साथ बैठक कर महिलाओं की समस्याओं का समाधान निकाले, ताकि दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चर्चा और आक्रोश का माहौल बना दिया है, और यह सरकार के लिए चेतावनी है कि वह विस्थापितों की मांगों को नजरअंदाज न करे।