बुधवार का दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है. चंद्रयान3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर देशभर में उत्साह है. मिशन की सफलता के लिए पूजा-पाठ और दुआओं का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान ने लोगों को हैरान कर दिया है. सवाल उठ रहा है कि क्या सच में चंद्रयान मिशन के वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है
वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है- दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने समाचार एजेंसी को दिए एक बयान में कहा है कि, “हमें गर्व है कि इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं. हम ईश्वर से उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं लेकिन अखबारों में खबरें हैं कि ऐसा करने वाले वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है. प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना चाहिए.”
#WATCH हमें गर्व है कि इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं। हम ईश्वर से उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं लेकिन अखबारों में खबरें हैं कि ऐसा करने वाले वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना… pic.twitter.com/a0n2bACoea
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023
वेतन नहीं मिलने को लेकर सरकार ने क्या कहा?
असल में कुछ दिनों पहले बिग बॉस के पूर्व प्रतियोगी और राजनीतिक टिप्पणीकार तहसीन पूनावाला ने एक पॉडकास्ट के दौरान दावा किया कि इसरो वैज्ञानिकों को पिछले 3 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. यूट्यूबर बीयर बाइसेप्स उर्फ रणवीर इलाहाबादिया के साथ एक पॉडकास्ट में पूनावाला ने कहा, “हमें इसरो पर बहुत गर्व है, यह एक महान संगठन है. तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया है, और बेझिझक मुझे इस बारे में तथ्य-जाँच कराएँ.”
जिसके बाद प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सूचना प्रसारित करने के लिए सरकार की नोडल एजेंसी प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने अब पूनावाला की तथ्य-जांच की है. और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, पीआईबी ने कहा कि पूनावाला द्वारा किया गया दावा फर्जी था और इसरो वैज्ञानिकों को हर महीने के आखिरी दिन वेतन दिया जाता है.
जिसके बाद पूनावाला ने सफाई देते हुए कहा था कि वो चंद्रयान-3 चंद्र मिशन का लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियरों की बात कर रहे थे.
चंद्रयान-3 चंद्र मिशन का लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियरों को नहीं मिली थी सैलरी
असल में 17 जुलाई को द वायर समेत कई अखबारों में ये खबर छपी थी कि, 14 जुलाई 2023 को ऐतिहासिक चंद्रयान-3 चंद्र मिशन का लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियरों को एक साल से अधिक समय से उनका वेतन नहीं मिला है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के हवाले से छपी इस खबर में कहा गया था कि, रांची में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैतनिक वेतन के मुद्दे के बावजूद, कंपनी ने दिसंबर 2022 में तय समय से पहले मोबाइल लॉन्चिंग पैड और अन्य महत्वपूर्ण और जटिल उपकरण वितरित किए.
एचईसी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है. कंपनी रांची के धुर्वा इलाके में स्थित है.
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