Champai Government: JMM उपाध्यक्ष चंपई सोरेन ने रांची के राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. चंपई सोरेन के साथ कई अन्य नेताओं ने भी शपथ ली है. शपथ लेने वालों में कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और आरजेडी नेता सत्यानंत भोक्ता भी शामिल है. शपथ ग्रहण कार्यक्रम रांची के राजभवन में आयोजित किया गया. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलवाई. 5 फरवरी को चंपई सोरेन विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे.
#WATCH JMM उपाध्यक्ष चंपई सोरेन ने रांची के राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/LG1zh2bE3m
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हेमंत सोरेन ने जो काम शुरु किए हैं उसे हमें पूरा करना है
शपथ ग्रहण के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, “आज झारखंड में मुझे जो दायित्व मिला… यहां के सर्वांगिण विकास के लिए हेमंत सोरेन ने जो काम शुरु किए हैं उसे हमें पूरा करना है. जनता के आशा, आकांक्षा के अनुरूप हम काम करेंगे… हमारी सरकार झारखंड के सभी वर्ग, समुदाय के लिए काम करेगी.”
#WATCH रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, “आज झारखंड में मुझे जो दायित्व मिला… यहां के सर्वांगिण विकास के लिए हेमंत सोरेन ने जो काम शुरु किए हैं उसे हमें पूरा करना है। जनता के आशा, आकांक्षा के अनुरूप हम काम करेंगे… हमारी सरकार झारखंड के सभी वर्ग, समुदाय के लिए… pic.twitter.com/Ckr0IAOhYh
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आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली
पाकुड़ सीट से 4 बार के विधायक और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने चंपई सोरेन के साथ मंत्री पद की शपथ ली. वह विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं
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चतरा सीट से विधायक और आरजेडी के नेता सत्यानंद भोक्ता ने भी झारखंड में मंत्री पद की शपथ ली है. वह तीन बार मंत्री भी रह चुकें है.
#WATCH RJD के सत्यानंद भोक्ता ने रांची के राजभवन में झारखंड कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/cOnv7PRj5x
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ऐसा कहा जा रहा था कि हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम दोनों डिप्टी सीएम होंगे. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीता सोरेन इसके लिए राजी नहीं हुई हैं.
विधायकों की खरीद फरोख्त का भी है डर
ऐसा कहा जा रहा है कि रांची में शपथ ग्रहण के बाद जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के 39 विधायक को हैदराबाद भेजा जा सकता है. ऐसा उन्हें खरीद-फरोख्त से बचने के लिए किया जा रहा है. ज्यादातर विधायक एयरपोर्ट भी पहुंच गए हैं. बस में आए विधयकों के साथ हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भी मौजूद हैं. 5 फरवरी को चंपई सोरेन विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे.
झारखंड में 23 साल में 11 बार सीएम बदले हैं. इनमें अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बने. रघुवर दास एकमात्र ऐसे सीएम रहे, जिन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई को राज्यपाल ने सीएम मनोनीत किया था
सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा. मुख्यमत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के करीब 26 घंटे के बाद गुरुवार रात करीब 11 बजे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन और आलमगीर आलम को राजभवन बुलाया और सरकार बनाने का न्योता दिया. साथ ही चंपई को सीएम मनोनीत कर दिया. रात 11:15 बजे दोनों नेता राजभवन से बाहर आए.
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हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
इस बीच शुक्रवार को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को झारखड़ उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने के लिए कहा.
तीन जज की बैंच ने सुनाया फैसला
हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच ने सुनवाई की. इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदिन शामिल थे. पीठ ने हेमंत के वकील कपिल सिब्बल और एएम सिंघवी से जोर देकर कहा कि सोरेन को जमानत के लिए झारखंड उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए. आपको बता दें सोरेन ने कोर्ट में याचिका दाल अपील की थी कि कोर्ट उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करे.