नई दिल्ली : RJD प्रमुख लालू प्रसाद (Lalu Yadav) एक बार फिर से जेल जा सकते हैं.चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आये लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav)की जमानत रद्द करने के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है. सीबीआई की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई होगी.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. सीबीआई ने जमानत रद्द करके लालू यादव ((Lalu Yadav) को वापस जेल भेजने के अपील की है. आने वाले समय में अगर लालू यादव (Lalu Yadav) की जमानत रद्द होती है तो उन्हें एक बार फिर से जेल जाना पड़ेगा.
Lalu Yadav को बीमारी के कारण मिली थी बेल
लालू यादव 950 करोड़ के चारा घोटाला के मामले में सजायाफ्ता है. खराब सेहत के कारण उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था. किडनी की बीमारी के कारण उन्हें 30 अप्रैल 2022 को जमानत मिली थी. जमानत पर छूटने के बाद लालू प्रसाद का सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था.
क्या है Lalu Prasad Yadav का चारा घोटाला
मामला 1990-95 के बीच का है. लालू यादव पर आरोप लगा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए डोरंडा कोषागार से करोड़ों रुपये निकाले .ये सारा पैसा पशुचारे के नाम पर दिखाया गया. इसलिए इसे चारा घोटाला का नाम भी दिया गया है. लालू प्रसाद यादव पर अब तक घोटाले के पांच मामले साबित हो चुके हैं और इनमें उन्हें सजा हो चुकी है.
Lalu Prasad Yadav को किस-किस मामले में हुई है सजा ?
चाईबासा ट्रेजरी – 37 हजार 70 करोड़ के अवैध निकासी के मामले में सितंबर 2013 मं 5 साल की सजा हुई. 11 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी.
देवघर ट्रेजरी केस – बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव पर यहां की ट्रेजरी से 89 लाख 27 हजार रुपये की अवैध निकासी का मामला सिद्ध हुआ.इस मामले में लालू प्रसाद यादव को साढे तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई.
चाईबासा ट्रेजरी से 33 करोड़ 13 लाख रुपये निकालने के दूसरे मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल सजा और 5 लाख रुपया जुर्माने की सजा हुई.
दुमका ट्रेजरी केस – दुमका की ट्रेजरी से 3 करोड़ 76 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 2018 में लालू प्रसाद यादव को 14 साल की सजा और 60 लाख रुपये जुर्माना हुआ.
डोरंडा ट्रेजरी केस – डोरंडा के ट्रेजरी से सबसे ज्यदा 139 करोड़ 50 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना लगाया गया.
ऊपर के सभी मामलों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नियमित जमानत मिली है. इन्हीं मामलों में मिली जमानत को रद्द कराने के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका डाली है. याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव अब स्वस्थ हैं और लगातार राजनीतिक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे में उनके स्वास्थ्य को देखते हुए जमानत रद्द कर उन्हे वापस जेल भेजा जाना चाहिये.