बुधवार को कथित ‘फीडबैक यूनिट (एफबीयू) स्नूपिंग’ मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सिसोदिया के खिलाफ एक नया मामला दर्ज करेगी.
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सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि 29 सितंबर, 2015 को दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी से बनी एफबीयू असल में राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाने में शामिल थी.
उपराज्यपाल ने सिसोदिया और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मंजूरी दी थी
इस मामले में पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सिसोदिया (Manish Sisodia) और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मंजूरी सीबीआई को दे दी थी, इस जांच की इजाजत देते हुए दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए सतर्कता विभाग के तहत एक फीडबैक यूनिट बनाई थी.
इसके अलावा फीडबैक यूनिट बनाने को राज्यपाल ने दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है. ‘नोट के सावधानीपूर्वक अवलोकन से, यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा एक एजेंसी बनाने के लिए एक ठोस प्रयास किया गया था जो उसके शासनादेश के बाहर था और शासन की संवैधानिक योजना के भीतर नहीं था.’
एलजी के आदेश में कहा गया है कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि किसी भी विधायी, न्यायिक या कार्यकारी निरीक्षण के बिना, स्नूपिंग और अतिचार की व्यापक शक्तियों के साथ एक बाहरी और समानांतर गुप्त एजेंसी स्थापित करने का एक सुविचारित प्रयास किया गया है.”
दिल्ली बीजेपी में जांच की इजाजत मिलने से खुशी
वहीं सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ जांच के गृह मंत्रालय के आदेश से दिल्ली बीजेपी काफी खुश है. आप से बीजेपी में आए नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि. “सबूत मिल रहे हैं कि केजरीवाल और सिसोदिया ने विपक्ष की, अपनी पार्टी के नेताओं की, PAC के सदस्यों की, एक दूसरे के परिवार के लोगों की जासूसी करवाई.” मिश्रा ने कहा, “सिसोदिया (Manish Sisodia) पर ये करप्शन का चौथा केस है. जल्दी ही सत्येंद्र जैन के साथ होंगे सिसोदिया.”