नई दिल्ली:तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी Cash For Query के आरोप पर संसद की आचार समिति की रिपोर्ट 4 दिसंबर को लोकसभा में पेश की जाएगी.तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बड़ा झटका लग सकता है.लोकसभा की एथिक्स कमिटी टीएमसी सांसद पर अपनी रिपोर्ट को 4 दिसंबर को निचले सदन में पेश करेगी.इस रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के मामले में सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है.9 नवंबर को एक बैठक में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट स्वीकार की थी.
Cash For Query क्या है मामला
लोकसभा स्पीकर ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स पैनल की जांच का आदेश दिया था. जिन्होंने टीएमसी नेता पर संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.भाजपा सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने 9 नवंबर को तृणमूल सांसद के खिलाफ रिपोर्ट स्वीकार कर ली और इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दिया गया है. एथिक्स पैनल के छह सदस्यों ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप पर रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया.
यह मेरे लिए सम्मान का प्रतीक
मोइत्रा ने दुबे के आरोपों का खंडन किया है और उन्हें फर्जी और राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने वकील देहाद्राई पर उनके खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध का आरोप भी लगाया है.
लोकसभा से निष्कासित करने की एथिक्स पैनल की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने इसे सम्मान का प्रतीक बताया क्योंकि मुझे लगता है कि मैं इतिहास में पहले व्यक्ति के रूप में दर्ज होने जा रहा हूं, जिसे एक नैतिक समिति द्वारा अनैतिक रूप से निष्कासित कर दिया गया था. जिसका जनादेश निष्कासन तक भी नहीं है.सबसे अच्छा वे जो कर सकते हैं वह निलंबन है.उन्होंने यह भी कहा, यह शुरू से ही एक फिक्स्ड मैच था.