बिहार में जब से JDU और RJD ने ने मिलकर सरकार बनाई है तब से विरोध प्रदर्शन , हत्याओं और अपराध का एक नया दौर शुरू हुआ है . जहाँ सिर्फ आम इंसान ही नहीं बल्कि पुलिस अफसर भी कानून की धज्जियां उड़ाते और जनता पर ज़ुल्म ढाते नज़र आते हैं. इसी कड़ी में CTET – BTET उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर फिर एक बाद जेडीयू कार्यालय के पास धरना प्रदर्शन करने पहुँचे. इसी आंदोलन को लेकर पिछले महीने भी काफी हंगामा हुआ था .
आपको बता दें कि आज फिर से सैकड़ों की संख्या में CTET – BTET अभ्यर्थी सड़कों पर उतरे जिसके बाद उनका कहना था कि अब लाठियों से अब डर नही लगता हैं बस बहाली चाहिए. इस दौरना बीते 22 अगस्त को पटना में प्रदर्शन के दौरान लॉ एंड ऑर्डर एडीएम केके सिंह ने डाक बंगला चौराहे पर हाथ में तिरंगे लिए जिस अभ्यर्थी के ऊपर लाठियां भांजी थी. वही अनीशुर रहमान इस बार अपनी मां के साथ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पहुँचा. जिसे लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी संजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी को हिरासत में लेकर कोतवाली थाने ले गई. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द सातवें चरण की विज्ञप्ति जारी कर नियोजन किया जाए. हालाँकि प्रदर्शन करने पहुँचे अभियार्थी अनिशुर रेहमान की अचानक तबियत खराब हो गई . बता दें पिछले महीने एडीएम की लाठी से शिक्षक अभ्यर्थी अनिशुर रहमान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अब इस मामले में अनिशुर अपने पूरे परिवार के साथ जदयू कार्यालय पहुंचे. जहां अनिशुर की तबियत खराब होने पर उसके माता-पिता ने घायल बेटे की इलाज कराने की गुहार लगाई. माँ ने कहा ‘बेटा जिंदा रहेगा, तो भीख मांगकर भी खा लेंगे साहेब’ .
वहीँ बात करें ये ADM के के सिंह की. तो एक अभियार्थी को पीट पीट कर अधमरा करने के बावजूद. कार्रवाई में दोषी पाए जाने के बावजूद उनपर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया . सरकार भी सिर्फ विभागीय ट्रांसफर कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करती नज़र आयी .अगर ऐसा ही चलता रहा तो जनता इन्साफ के लिए जाए कहाँ . बिहार का ये केसा सु-शासन है जहाँ हक़ मांगने पर लाठियां मिलती है .