Monday, March 10, 2025

UP Public Examination Ordinance 2024 :य़ूपी में नकल गैंग की खैर नहीं, अध्यादेश को मिली कैबिनेट की मंजूरी

UP Public Examination Ordinance 2024 : उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती परीक्षा से लेकर RO-ARO परीक्षा जैसी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों के देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. योगी सरकार सदन में यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लेकर आई है. इस अध्यादेश के तहत ये प्रावधान किया गया है कि अगर परीक्षा पेपर लीक के मामले मे कोई दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कारावास से लेकर एक करोड़ तक का जुर्माना किया जा सकता है. योगी सरकार के इस प्रस्ताव को सदन से मंजूरी मिल गई है.

UP Cabinet Meeting
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UP Public Examination Ordinance 2024 ने क्या क्या है प्रावधान

यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 में प्रावधान किया गया है कि पेपर लीक या किसी अन्य कारण से परीक्षा प्रभावित होती है तो पकड़े गये साल्वर गैंग से पैसे के नुकसान की भरपाई की जायेगी. साथ ही परीक्षा कंडक्ट करवाने वाली कंपनी या सेवा देने वाली एजेंसी / संस्थान को ब्लैकलिस्ट किया जायेगा.

यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024  के मुताबिक नकली प्रश्नपत्र बंटना, परीक्षा से संबदित नकली वेबसाइट बनाना आदि राज्य सरकार के अधिनियम के मुताबिक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा. नये अधिनियम के मुताबिक दोषी पाये जाने पर 2 साल से लेकर एक करोड़ तक का जुर्माना और एक करोड़ तक के दंड का प्रावधान किया गया है.

परीक्षा कंडक्ट करने वाली एजेंसी या कंपनी  को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का प्रवाधान है. दोषी केउफर कुर्की की कार्रवाई होगी और जमानत के लिए भी सख्त नियम बनाये गये हैं.

सीएम योगी ने नकल गैंग के खिलाफ कड़े कानून लाने की कही थी बात  

बता दें कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनावों के दौरान ही नकल कराने वाली गैंग पर नकेल कसने की बात कही थी. सीएम योगी ने वादा किया था कि सरकार नकल से बचाने के लिए कानून बनायेगी. इसी वादे के तहत सरकार ने यूपी विधानसभा में यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने का फैसला किया और अब इसे कानून का रुप दे दिया गया है.

NEET पेपरलीक के बाद  से पिर उठे सवाल

NEET परीक्षा में हुए पेपर लीक के साथ ही उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती परीक्षा और AO /ARO परीक्षा में हुए पेपर लीक पर बहस तेज हो गई थी. लोग लगातार सवाल खड़े कर रहे थे. परीक्षा संचालिक करने वाली संस्थाओं पर भी सवाल उठ रहे थे. ऐसे में यूपी सरकार ने इसे मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्या का फूलप्रूफ समाधान निकालने की व्यवस्था की है और नया कानून बनाकर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया है.

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