बक्सर (Buxar) जिले में महावीर झंडा महोत्सव के अवसर पर शहर में मंगलवार को महावीरी जुलूस निकला गया. जिसका इंतज़ार यहां हर कोई करता है. जुलूस निकालने से पहले 27 अखाड़ों पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. बक्सर शहर को भगवा झंडे से पाट दिया जाता है. इस शोभा यात्रा में श्रद्धालु बच्चे, बूढ़े और युवक जोश व उत्साह के साथ नाचते हुए नज़र आतें हैं. सभी श्रद्धालु जय बजरंगी और जय श्री राम के नारे लगाते हैं.
महावीर पूजा को 100 साल होंगे पूरे
बक्सर में महावीर पूजा को इस बार 100 साल पूरे होने वाले हैं. जिले के अलग-अलग गांवो में जुलूस निकलने की परम्परा है. जहां से बजरंगी मुर्तिया और झांकी ढोल नगाड़ो के साथ शहर में भ्रमण करते हैं. बजरंगबली की झांकी के साथ 13 फिट का लम्बा और 6 फिट चौड़ा गदा और बनारस के कलाकार द्वारा जीवंत बजरंगबली की झांकी लोगो को अपनी और आकर्षित करती हैं. मूर्तिकार राज किशोर प्रजापति ने बजरंगबली के साथ जो भगवन राम की मूर्ति बनाई है वो बिलकुल अयोध्या की श्री राम की मूर्ति की तरह दिखाई दे रही है.
आपको बता दें कि होली के बाद जो पहला मंगलवार होता है, उस दिन यह जुलूस निकाला जाता है. मंगलवार को श्री चंद्र मंदिर प्रधान अखाड़ा, उत्तरी ठठेरी बाजार, नवयुवक संघ ठठेरी, मल्लाह टोली, बारी टोली, गोला बाजार, थाना रोड, पीपरपति रोड, तड़का नाला, चरित्र वन, गजाधर गंज, सरीमपुर अखाडा से मावीरीर रथ और शोभायात्रा निकाली गई.
Buxar: सुरक्षा के लिए पुलिस और मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की जाती है
वहीं महावीर झंडा महोत्सव में पारंपरिक शास्त्रों के साथ करतब दिखाने की परंपरा सालों से ही चली आ रही है. अखाड़ा के साथ शामिल सदस्य लाठी, लाठी डंडा, तलवार, भाला, बनेठी से हैरत अंगेज कर्तव्य दिखने का काम किया है. इसके लिए लोगो द्वारा रिहर्सल किया जाता है. वहीं शहर में बेकार घटना से बचा जा सकें इसके लिए प्रशासन द्वारा हर चौक चौराहो पर पुलिस बल और मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की गई है ताकि जुलूस में कोई गड़बड़ी न हो.