Tuesday, December 24, 2024

इनकम टैक्स की न्यू रिजीम में टैक्स रेट्स तो कम हैं लेकिन आपकी सेविंग्स का क्या होगा?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को यूनियन बजट 2023 में इनकम टैक्स की न्यू रिजीम में बड़े बदलाव किए हैं. इन बदलावों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. टैक्सपेयर्स यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए नई रिजीम फायदेमंद रहेगी या पुरानी रिजीम. अब तक टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की पुरानी रिजीम में फायदा नजर आ रहा था लेकिन 1 फरवरी को बदलावों के एलान के बाद नई रिजीम का अट्रैक्शन बढ़ गया है. दरअसल, यूनियन बजट 2023 में वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स की पुरानी रिजीम को छुआ ही नहीं है जो भी बदलाव किए गए हैं, वे नई रिजीम में किए गए हैं.

नई रिजीम पर ज्यादा जोर

सबसे पहले वित्तमंत्री ने नई रिजीम में बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी है. अब रिबेट के साथ 7 लाख रुपये की सालाना इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा. पहले रिबेट के साथ 5 लाख रुपये की इनकम ही टैक्स-फ्री थी. टैक्स स्लैब की संख्या 6 से घटाकर 5 पांच कर दी है. स्लैब में टैक्स रेट्स में भी कमी की गई है. सबसे खास बात यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ अब नई रिजीम में भी दे दिया गया है. हालांकि, यह 15 लाख इनकम वाले नौकरी करने वाले लोगों के लिए दिया गया है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपकी इनकम 10-12 लाख रुपये है तो डिडक्शन का पूरा फायदा उठाने पर ही ओल्ड टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद रहेगी. अगर आपका डिडक्शन 3.75 लाख रुपये से कम है तो ओल्ड रिजीम आपके लिए बहुत फायदेमंद नहीं रहेगी. अभी कुल 4.75 लाख रुपये का डिडक्शंस टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड रिजीम में उपलब्ध हैं. इनमें सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये, होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये, 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन, 50 रुपये का NPS का डिडक्शन और आखिर में 25 रुपये का हेल्थ पॉलिसी का डिडक्शन शामिल है.

डिडक्शन क्लेम करने का तरीका

अगर कोई टैक्सपेयर्स इन डिडक्शन को क्लेम नहीं करता है तो उसके लिए नई रिजीम फायदेमंद रहेगी. डिडक्शंस क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर्स को इनकम का कुछ हिस्सा इनवेस्टमेंट पर खर्च करना पड़ता है. सिर्फ सेक्शन 80 के तहत इनवेस्टमेंट के करीब एक दर्जन विकल्प उपलब्ध हैं. इनमें PPF, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, NSC, म्यूचुअल फंड्स की टैक्स स्कीम यानी ELSS, सुकन्या समृद्धि योजना आदि शामिल हैं. इनमें निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट तो मिलता ही है, साथ ही लंबी अवधि में आपके लिए बड़ा फंड तैयार होता है. यह पैसा रिटायरमेंट बाद के आपके खर्च को पूरा करने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई, शादी-विवाह आदि में भी मदद करता है.

रिजीम कोई भी हो ,इनवेस्टमेंट जरूर करें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप न्यू टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करते हैं तो भी आपको अपना इनवेस्टमेंट नहीं रोकना चाहिए. पहले और अब में फर्क यह है कि पहले सरकार टैक्सपेयर्स को सेविंग्स के लिए प्रोत्साहित करती थी. अब आपको खुद अपनी सेविंग्स का ध्यान रखना होगा. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए बहुत जरूरी है. किसी अनहोनी की स्थिति में यह आपके परिवार को आर्थिक मुश्किल से बचाती है. इसी तरह हेल्थ पॉलिसी बहुत जरूरी है. पीपीएफ, सुकन्या जैसे ऑप्शंस में निवेश कर आप लंबी अवधि में बड़ा फंड बना लेते हैं जो तब आपकी मदद करता है जब आपकी रेगुलर इनकम बंद हो जाती है.

rani verma

रानी वर्मा,स्वतंत्र पत्रकार

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