Friday, October 10, 2025

बैंकिंग में आसान बदलाव, चेक क्लियरिंग अब उसी दिन संभव

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व्यापार: अगर आप भी अक्सर चेक से पेमेंट करते हैं या पैसे रिसीव करते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब आपको चेक क्लियर होने के लिए 1-2 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. 4 अक्टूबर 2025 से चेक उसी दिन क्लियर हो जाएगा जिस दिन आप उसे बैंक में जमा करेंगे.

ये सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के तहत शुरू की जा रही है, जिससे आपका पैसा तेजी से आपके खाते में पहुंचेगा और बैंकिंग में देरी कम होगी. इस सुविधा को फिलहाल ICICI बैंक लागू कर रहा है.

क्या है ये नई सुविधा?
अभी तक चेक क्लियर होने में आमतौर पर 1 से 2 दिन का समय लगता है. पहले दिन चेक की स्कैनिंग होती है, फिर अगले दिन क्लियरेंस और निपटान (settlement) होता है. लेकिन अब RBI ने इस प्रक्रिया को और तेज बना दिया है. अब बैंक दिनभर चेक की स्कैनिंग करके सीधे क्लियरिंग हाउस को भेज देंगे. क्लियरिंग हाउस भी तुरंत उस चेक को संबंधित बैंक को भेजेगा. इस तरह, प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी और उसी दिन चेक क्लियर हो जाएगा.

कब और कैसे होगा क्लियरेंस?
4 अक्टूबर 2025 से यह नई व्यवस्था लागू हो रही है. उस दिन से बैंकों में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक एक प्रजेनटेशन सेशन होगा, जिसमें सभी चेक स्कैन होकर तुरंत क्लियरिंग हाउस को भेजे जाएंगे. आपको सिर्फ यह ध्यान रखना है कि आप अपना चेक निर्धारित समय से पहले बैंक में जमा कर दें. समय पर जमा हुआ चेक उसी दिन क्लियर हो जाएगा.

पॉजिटिव पे क्या है और क्यों जरूरी है?
आईसीआईसीआई बैंक ने बताया है कि 50,000 रुपये से ज्यादा के चेक पर पॉजिटिव पे अनिवार्य रूप से करना चाहिए. पॉजिटिव पे में आप बैंक को चेक की मुख्य जानकारी पहले से ही बता देते हैं जैसे खाता संख्या, चेक नंबर, प्राप्तकर्ता का नाम, चेक की राशि और तारीख. इससे बैंक को चेक क्लियर करने से पहले जानकारी मिल जाती है, और फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाती है.

अगर आपने 5 लाख से ज्यादा का चेक दिया है और पॉजिटिव पे नहीं किया, तो आपका चेक रिजेक्ट हो सकता है. साथ ही, बिना पॉजिटिव पे वाले चेक पर विवाद की स्थिति में RBI का सुरक्षा तंत्र लागू नहीं होगा.

चेक जमा करते समय किन बातों का रखें ध्यान?
ध्यान रखें कि चेक पर अंक और शब्दों में लिखी राशि में मेल होना चाहिए. चेक की तारीख वैध होनी चाहिए, यानी न बहुत पुरानी और न भविष्य की. चेक में ओवरराइटिंग, कटिंग या कोई सुधार न करें. चेक पर वही हस्ताक्षर करें जो बैंक के रिकॉर्ड में हैं.

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