Wednesday, August 6, 2025

RBI गवर्नर का ऐलान : खातों-लॉकर से जुड़े विवादों का आसान समाधान तय

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RBI Governor’s announcement : भारतीय रिजर्व बैंक बैंक खातों और लॉकरों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया से जुड़े मानक बनाने वाला है. इसका उद्देश्य मृतक ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों के पक्ष में दावों के निपटान की प्रक्रिया को आसान बनाना है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को यह बात कही. मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म में कार्यक्षमता का विस्तार करने की योजना पर काम कर रहा है. इससे खुदरा निवेशक भी व्यवस्थित योजनाओं के जरिए ट्रेजरी बिलों में अपना निवेश कर सकेंगे.

RBI Governor’s announcement : दावा निपटान प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रयास

साल 2025 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम बैंक खातों और मृतक बैंक ग्राहकों के सुरक्षित कस्टडी या सुरक्षित जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से जुड़े दावों के निपटान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मानक बनाएंगे. इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होने की उम्मीद है.”

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के अंतर्गत जमा खातों, सुरक्षित कस्टडी में रखी गई वस्तुओं या सुरक्षित जमा लॉकरों से जुड़े नामांकन की सुविधा उपलब्ध है. आरबीआई के अनुसार, इसका उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने पर दावों का शीघ्र निपटान या वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री को वापस दिलाना व परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाई को कम करना है.

मौजूदा निर्देशों के अनुसार बैंकों को सर्वाइवर/नामांकित व्यक्ति/कानूनी उत्तराधिकारियों की ओर से किए गए दावों के शीघ्र और परेशानी मुक्त निपटान की आसान प्रक्रिया अपनाना है. हालांकि विभिन्न बैंकों में प्रक्रियाएं अलग-अलग हैं. एक बयान में कहा गया है, “ग्राहक सेवा से जुड़े मानकों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और बैंकों को प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों को मानकीकृत करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में एक मसौदा परिपत्र शीघ्र ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा.”

ट्रेजरी बिलों में निवेश के बारे में किया गया यह एलान

वर्तमान में, सभी बैंकों के पास मृतक के आश्रित की ओर से खाते और लॉकर के संबंध में दावों की अपनी-अपनी प्रणाली और प्रक्रियाएं हैं. इन्हें और आसान बनाया जा सकता है. ट्रेजरी बिलों (टी-बिल) में निवेश से जुड़ा भी एलान किया गया है. आरबीआई ने कहा है नई पहलों से निवेशकों को अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बनाने में मदद मिलेगी. टी-बिलों के लिए ऑटो-बिडिंग सुविधा, जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं, रिटेल डायरेक्ट में सक्षम की गई है. नई कार्यक्षमता से निवेशकों को टी-बिलों की प्राथमिक नीलामी में बोलियों को स्वचालित रूप से लगाने में मदद मिलेगी.

रिटेल डायरेक्ट पोर्टल को नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था ताकि खुदरा निवेशकों को रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत रिजर्व बैंक के साथ अपने गिल्ट खाते खोलने में सुविधा हो. यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियां (जी-सेक) खरीदने के साथ-साथ द्वितीयक बाजार में जी-सेक खरीदने और बेचने की अनुमति देती है. योजना के शुभारंभ के बाद से, उत्पाद के साथ-साथ भुगतान विकल्पों के संदर्भ में विभिन्न नई सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिसके तहत मई 2024 में एक मोबाइल एप भी शुरू किया गया है.

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