Saturday, April 19, 2025

मैक्स एस्टेट का बड़ा एलान! रियल एस्टेट में ₹15,000 करोड़ का मेगा इन्वेस्टमेंट प्लान

Max Estate Mega Investment : मैक्स समूह की रियल एस्टेट इकाई मैक्स एस्टेट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दूसरे स्थान पर काबिज होने का प्रयास कर रही है। कंपनी अगले तीन से चार वर्षों में 1.7 करोड़ वर्गफुट आवासीय और वाणिज्यिक स्थान बनाएगी और जमीन के साथ 15,000 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। मैक्स एस्टेट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी साहिल वचानी ने बताया कि मैक्स दिल्ली-एनसीआर में बरकरार रहेगी और परियोजनाओं का अधिग्रहण करेगी।

Max Estate Mega Investment की पंचवर्षीय योजना क्या है?

अगले पांच वर्षों में हम 13 परियोजनाओं की ओर देख रहे हैं। हमारे पास 1.7 वर्गफुट जगह है, जिसमें से 30 से 40 लाख वर्गफुट का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा है, जो अगले पांच वर्षों में पूरा हो जाएगा। सिर्फ निर्माण पर ही हमारा निवेश 7.500 करोड़ रुपये से अधिक होगा।

निकट अवधि में राजस्व का लक्ष्य क्या है?

हमारा स्पष्ट लक्ष्य है कि हमें एनसीआर में दूसरे नंबर का ब्रांड बनना है और इस इलाके में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ब्रांडों में से एक बनने पर केंद्रित है और मुझे पूरा भरोसा है कि यह आय में तब्दील होगा। वित्त वर्ष 2024 में हमने 2,400 करोड़ रुपये की प्री-सेल्स किया था, बीते वित्त वर्ष 2025 में हम 5,000 करोड़ रुपये के पार हो गए।

फिलहाल 150 करोड़ किराये के तौर पर आय है और अगले तीन से पांच वर्षों में इसके 700 करोड़ रुपये के पार होने की उम्मीद है। रणनीतिक रूप से बात करें तो हम उच्च गुणवत्ता वाले काम करना चाहते हैं और निष्पादन पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

नंबर 2 बनने के लिए क्या करना होगा?

हम सिर्फ छह से सात साल पुरानी कंपनी हैं, लेकिन, हमारा नजरिया रियल एस्टेट क्षेत्र में खुशहाली लाने का है। हमने इसे कुछ चीजों के जरिये स्पष्ट किया है। पहला, हम दिल्ली-एनसीआर पर काफी ध्यान दे रहे हैं और हम बाहर नहीं जाना चाह रहे हैं। दूसरा, हम आवासीय और वाणिज्यिक परिसंपत्ति वर्घ पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। तीसरा, हम वित्तीय नजरिये काफी सतर्क भी हैं। न्यूयॉर्क लाइफ हमारी इक्विटी पार्टनर है, जिनके पास मैक्स एस्टेट में 23 फीसदी हिस्सेदारी है और हर परियोजना में उनकी हिस्सेदारी 49 फीसदी हो जाती है। पिछले साल उनसे हमने करीब 2,000 करोड़ रुपये और पात्र संस्थागत निवेशकों (क्यूआईपी) के जरिये 800 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसलिए हमारी बैलेंसशीट मजबूत है और हम पर कोई कर्ज भी नहीं है।

जमीन की कीमत लगातार तेजी से बढ़ रही है। क्या जमीन खरीदना कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा?

हां, जमीन की कीमत बढ़ी है मगर ग्राहक की बिक्री कीमत भी बढ़ रही है। साथ ही जमीन के हमारे सारे अधिग्रहण भी सीधे नहीं है। हमने जमीन मालिकों के साथ साझेदारी की है। इसलिए, आप मान लीजिए कि अगर आपके पास कोई जमीन है तो हम राजस्व के तौर पर कुछ प्रतिशत देंगे। हम अपनी वृद्धि योजनाओं को पूरा करने में रणनीतिक तरीके से भूखंड खरीदने के लिए आश्वस्त हैं।

क्या आप किसी दिवाला परियोजनाओं जैसी संपत्ति का अधिग्रहण करेंगे?

हां। सही मायने में अगर कहें तो हमने अभी-अभी राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) से इस पूरी परियोजना का अधिग्रहण किया है, जिसके लिए हमने साल 2018 में बोली लगाई थी। मंजूरी अभी-अभी मिली है और यह हमारा पहला मिला-जुला उपयोग वाला परिसर होगा, जिसमें दफ्तर, आवासीय और खुदरा क्षेत्र भी होंगे।

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