नई दिल्ली: भारत में सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला. सोने की कीमतों में यह तेज बढ़त अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने की बढ़ती संभावना के कारण देखी गई. वैश्विक बाजारों में निवेशक सतर्क बने हुए हैं और इसी वजह से कीमती धातुओं में खरीदारी बढ़ गई है. 24 कैरेट सोना 191 रुपये प्रति ग्राम बढ़कर 12,704 रुपये प्रति ग्राम पहुंच गया. 22 कैरेट सोना 175 रुपये प्रति ग्राम उछलकर 11,645 रुपये प्रति ग्राम हो गया. वहीं, 18 कैरेट सोना भी 143 रुपये प्रति ग्राम बढ़कर 9,528 रुपये प्रति ग्राम दर्ज किया गया.
चांदी 167 रुपये प्रति ग्राम उछलकर 1,67,000 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई. चांदी की कीमतों को निवेशक और ज्वेलरी खरीदार खास तौर पर ट्रैक करते हैं क्योंकि इसकी औद्योगिक मांग मजबूत रहती है और सप्लाई प्रभावित होने पर कीमतें तेजी से बदलती हैं. इस वजह से चांदी में अचानक तेज रफ्तार देखने को मिली.
आने वाले दिनों में कैसी होगी स्थिति?
एमसीएक्स पर भी सोना और चांदी का व्यापार तेजी के साथ बंद हुआ. दिसंबर एक्सपायरी वाले एमसीएक्स गोल्ड फ्यूचर्स 1,25,163 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए. एमसीएक्स सिल्वर फ्यूचर्स भी मजबूती के साथ 1,56,531 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुए. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें बढ़ी हुई दिखीं. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सोना 4,120 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड हुआ. यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में भी सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है.
क्या कीमतों में आएगी गिरावट?
बाजार की नजर अब बुधवार को आने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर है. अमेरिका अपनी जीडीपी, क्रूड ऑयल इन्वेंट्री, जॉबलेस क्लेम्स और अन्य बड़े आर्थिक डेटा जारी करेगा. इन आंकड़ों का सीधा असर सोने और चांदी पर पड़ेगा. अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमजोर संकेत दिखाती है तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं क्योंकि निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं. वहीं अगर अमेरिकी डेटा मजबूत आता है तो कीमतों में हल्की गिरावट भी देखी जा सकती है.
विश्लेषकों ने क्या बताया?
भारत में खुदरा निवेशकों और ज्वेलरी बाजार में सोने की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है. शादियों के मौसम के चलते भी सोने की खरीदारी बढ़ रही है जिससे कीमतों पर असर पड़ रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि 26 नवंबर यानी आज सोने और चांदी के दाम नए रिकॉर्ड बना सकते हैं और निवेशक सतर्क होकर ट्रेड करें क्योंकि वैश्विक बाजार से किसी भी समय नया संकेत मिल सकता है.

