Saturday, July 5, 2025

Zerodha के नितिन कामत की बड़ी चेतावनी – एक्सचेंज और ब्रोकर्स के लिए खतरे की घंटी!

- Advertisement -

नई दिल्ली | कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म Jane Street को भारत में बैन कर दिया है। इस फर्म पर इंडेक्स ऑप्शंस में धोखाधड़ी कर भारी मुनाफा कमाने का आरोप है। SEBI ने इस फर्म को गैरकानूनी तरीके से कमाए गए 4,843 करोड़ रुपए को वापस करने के भी निर्देश दिए हैं। सेबी की इस कार्रवाई पर Zerodha Founder Nithin Kamath की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इस कार्रवाई के लिए सेबी की तारीफ की है। साथ ही, ब्रोकर्स के लिए बुरी खबर भी बता दिया। 

नितिन कामथ ने क्या कहा?

नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और लिखा-  "जेन स्ट्रीट पर कार्रवाई के लिए SEBI की तारीफ की जानी चाहिए। अगर आरोप सही हैं, तो यह साफ-साफ बाजार में हेरफेर है। हैरानी की बात यह है कि एक्सचेंजों की चेतावनी के बावजूद उन्होंने यह गलत काम जारी रखा। शायद ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वे अमेरिका के ढीले-ढाले नियमों के आदी हैं।"

उन्होने आगे लिखा कि "हालांकि, इसका दूसरा पहलू भी है। जेन स्ट्रीट जैसी प्रोप्राइटरी ट्रेडिंग फर्म्स ऑप्शंस ट्रेडिंग में करीब 50% वॉल्यूम लाती हैं। अगर वे पीछे हटती हैं तो रिटेल निवेशकों की गतिविधि (35%) पर भी असर पड़ सकता है। इससे स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स दोनों को नुकसान हो सकता है। अगले कुछ दिन यह दिखाएंगे कि हम इन बड़ी ट्रेडिंग फर्मों पर कितना निर्भर हैं। फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) के वॉल्यूम से इसका पता चलेगा।"

Jane Street पर क्या आरोप?

SEBI के आदेश के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 के बीच भारतीय एक्सचेंजों पर इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग के ज़रिए 43,289.33 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया। 3 जुलाई को जारी सेबी के आदेश के अनुसार, 14 एक्सपायरी दिनों में जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में भारी मात्रा में खरीदारी की और कैश सेगमेंट में भी बैंक निफ्टी ऑप्शन को बड़ी संख्या में बेचा- यह सब सुबह किया गया। दोपहर के बाद, जेन स्ट्रीट की यूनिट्स, बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में बड़ी मात्रा में आक्रामक तरीके से बिकवाली करती थीं और एक्सपायरी के दिनों में इंडेक्स क्लोजिंग को प्रभावित करती थीं।

आपके लिए इसका क्या मतलब?

आम निवेशकों के लिए यह खबर चिंता की बात हो सकती है। अगर जेन स्ट्रीट जैसी कंपनियां पीछे हटती हैं, तो बाजार में लिक्विडिटी कम हो सकती है। जिससे रिटेल ट्रेडिंग (लगभग 35%) पर असर पड़ सकता है। इससे ब्रोकर और एक्सचेंजों को भी नुकसान हो सकता है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए। सेबी की कार्रवाई से बाजार को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी, लेकिन अस्थायी तौर पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news