नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव (ट्रेड वॉर) के बीच एप्पल ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कंपनी ने योजना बनाई है कि अगले साल तक अमेरिका में बिकने वाले तमाम आईफोन भारत में ही बनाए जाएं। यह कदम चीन से आयात पर बढ़े हुए टैरिफ और व्यापारिक तनाव को देखते हुए उठाया गया है।
एप्पल कंपनी वर्तमान में चीन और भारत दोनों ही जगह आईफोन का उत्पादन करवा रही है, लेकिन चीन से आयात महंगा होने के कारण अब कंपनी भारत में अपने उत्पादन को बढ़ा रही है। कंपनी के प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स, जैसे फॉक्सकॉन, बेंगलुरु में अपने प्लांट की क्षमता को बढ़ा रहे हैं। फॉक्सकॉन का नया प्लांट इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 मिलियन आईफोन तक हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, यदि यह रणनीति सफल होती है, तो 2026 तक भारत में सालाना आईफोन उत्पादन 60 मिलियन यूनिट तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान उत्पादन का लगभग दोगुना होगा।
एप्पल की ग्लोबल बिक्री में अमेरिका का हिस्सा लगभग 28 प्रतिशत है, इसलिए यह कदम कंपनी की लॉजिस्टिक्स रणनीति और प्रॉफिट मार्जिन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
एप्पल का यह कदम व्यापारिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो न केवल भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित कर सकता है, बल्कि चीन के प्रति कंपनी की निर्भरता को भी कम कर सकता है।
- Advertisement -
Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.