Sunday, September 8, 2024

Budget 2024: क्या बढ़ती महंगाई के बीच भारत के मध्यम वर्ग को कर में छूट मिलेगी? जानिए उद्योग जगत की क्या है पीएम मोदी को सलाह

Budget 2024: 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही है. लोकसभा चुनावों के बाद आ रहे मोदी सरकार के इस बजट से देश के मध्यम वर्ग को बड़ी उम्मीद है. लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कई वरिष्ठ पत्रकारों और विश्लेषकों का माना कि इस चुनाव परिणाम में महंगाई, बेरोज़गारी को लेकर आम आदमी का दर्द छलका है. बेतहाशा महंगाई के चलते इनकम टैक्स में कटौती की मांग की आवाज़ें भी तेज़ हो गई हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस बार सिर्फ़ आम लोग ही नहीं, बल्कि इंडिया इंक यानी उद्योग जगत भी व्यक्तिगत स्तर पर इनकम टैक्स राहत की मांग कर रहा है.

Budget 2024: मोहनदास पई ने की आयकर घटाने की सिफारिश

उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएम मोदी को दिए सुझावों में सबसे निचले स्लैब में आने वालों लोगों के लिए आयकर में राहत देने पर विचार करने की ज़रुरत पर जोर दिया है.
आईटी उद्योग के दिग्गज और इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ कर राहत की वकालत की है. हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पई ने लिखा, ” हमारे प्रधानमंत्री के लिए कुछ फीडबैक . मध्यम वर्ग अपने ऊपर लगे उच्च कर बोझ, बिजली, दूध, परिवहन की बढ़ती लागत, जीवन की खराब गुणवत्ता, वोट खरीदने के लिए बढ़ती मुफ्त सुविधाओं से बहुत नाराज और परेशान है. मुद्रास्फीति के कारण मध्यम वर्ग के लिए आईटी बहुत महंगा है. कृपया बदलाव करें ” इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया है.
आपको बता दें, मोहनदास पई ने इंफोसिस में मानव संसाधन निदेशक के रूप में भी काम किया है.

TeamNest.com के सीएमओ ने भी की वेतनभोगियों के लिए कर राहत की मांग

इसके अलावा फाइनेंशल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक टीमनेस्ट डॉट कॉम के सह-संस्थापक और सीएमओ प्रशांत शाह ने भी आयकर में कटौती की वकालत की है. बजट को लेकर दिए सुझावों में उन्होंने कहा, “आगामी भारतीय बजट में, मानव संसाधन उद्योग कौशल विकास, कार्यबल पर एआई के प्रभाव और एसएमई और एमएसएमई क्षेत्रों के लिए बेहतर डिजिटल बुनियादी ढांचे तक पहुंच जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद करता है. वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, कम कर दरें और कर लाभों के लिए बढ़ी हुई छूट सीमा का व्यक्तियों द्वारा स्वागत किया जाएगा, और इससे डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी.”

यानी लोकसभा चुनाव में आए नतीजे और उद्योग जगत की सलाह सभी इसी ओर इशारा कर रही है कि इस बार सरकार मध्यम वर्ग को आयकर में छूट का तौहफा दे सकती है.

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