Thursday, November 21, 2024

BRICS के देश चलायेंगे अपनी मुद्रा,डॉलर की जगह नई मुद्रा से होगा व्यापार?

BRICS Currency : रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक प्रतीकात्मक ब्रिक्स बैंकनोट का अनावरण किया गया. बैंकनोट पर ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के झंडे अंकित हैं. इस प्रतीकात्मक बैंकनोट के अनावरण से वैश्विक वित्त व्यवस्था को नया आकार देने को लेकर चर्चा शुरु हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि ब्रिक्स के देश आपसी व्यापार में लेन-देन के लिए अमेरिकी डॉलर के विकल्प तलाशने की कोशिश कर रहे है. और ये नोट इन देशों की सामूहिक महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है.

BRICS Currency
BRICS Currency

BRICS Currency को लेकर कजान सम्मलेन में प्रतिकात्मक मुद्रा जारी 

ब्रिक्स देशों ने अपनी मुद्रा बनाकर अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस संबंध में कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन के मौके पर जारी घोषणापत्र में कहा गया, कि “हम ब्रिक्स देशों और उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग का स्वागत करते हैं.”

इस मुद्रा की खासियत ये है कि बैंकनोट पर ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के झंडे अंकित हैं. अब इन देशों में व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह पर नइ मुद्दा का इसेतमाल किया जायेगा. इस नये बैंक नोट क जारी करने के पीछे  दलील ये है कि पुरी दुनिया मे व्यापार की निर्भरता अमेरिकी डॉलर पर आधारित है इस पर  निर्भरता कम करने के लिए जरुरी है कि ब्रिक्र्स देशो की अपनी मुद्रा हो.

भारत ने की राष्ट्रीय मुद्रा के इस्तेमाल की वकालत

भारत ने स्थानीय मुद्रा निपटान की वकालत करने में अग्रणी भूमिका निभाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह बदलाव ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और व्यापार के लिए अधिक लचीला ढांचा प्रदान करेगा. भारत ने पहले ही इस दिशा में कदम उठाए हैं, रूस और यूएई जैसे देशों के साथ रुपये में व्यापार निपटान की अनुमति दी है, और यह इंडोनेशिया जैसे अन्य देशों के साथ चर्चा जारी रखता है.

ब्रिक्स के नोट को लेकर रुस का रुख – स्पूतनिक

रुसी राष्ट्रपति के स्टैंड को लेकर स्पूतनिक से जारी  आधिकारिक बयान में कहा गया है कि  इस बैंक नोट को जारी करने के पीछे राष्ट्रपति पुतिन की एक सोच है. राष्ट्रपति पुतिन डॉलर को अस्वीकार नहीं कर रहे है, बल्कि भविष्य के लिए तैयारी कर रह हैं. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि “डॉलर विश्व के व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बना हुआ है, लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में हो रहा है जो डॉलर को लेकर विश्वास को कम करता है. पुतिन ने बिक्स सम्मेलन के दौरान कहा कि ब्रिक्स देश डॉलर के खिलाफ नहीं है , लेकिन अगर किसी समय जरुरत पड़े तो वैकल्पिक तरीकों की तलाश करना जरुरी है. पुतिन ने कहा कि अगर हमे किसी जगह पर रोका जाता है तो हम विकल्प खोज लेंगे.

दअऱसल रुस के राष्ट्रपति की इस टिप्पणी के पीछे माना जा रहा है कि वो हालत हैं, जहां यूक्रेन से युद्ध के कारण उनपर तरह तरह के प्रतिबंध लगाये  गये हैं और कई देशों में उनके व्यपार को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ ने कहा कि डॉलर का इस्तेमाल एक राजनीतिक उपकरण के रूप में किया जा रहा है, जो वैश्विक वित्त व्यवस्था में इसकी विश्वसनीयता को कम करता है.

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