Census Notification Issued : देश में लंबे समय से जनगणना खास कर जातिगत जनगणना की मांग हो रही है. देश में 2011 में आऱिरीबार जनगगणना हुई थी. देश का ताजा जनसंख्या का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रक्रिया शुरु की है और इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.
Notification for #Census2027 has been issued. With this, process of Census has commenced.
Reference Date: 1st March 2027 for all States/UTs except for Ladakh and snow-bound areas of J&K, Himachal Pradesh & Uttarakhand where it’ll be 1st October 2026@HMOIndia @PIBHomeAffairs pic.twitter.com/3WOWqSB9nb
— Census India 2027 (@CensusIndia2027) June 16, 2025
Census Notification Issued:जनगणना के साथ ही होगी जाति जनगणना भी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम 1948 के तहत आम जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना के लिए भी आधिकारिक तौर पर गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार के इस नोटिफिकेशन के बाद जनगणना से जुड़ी एजेंसियां सक्रिय हो जायेंगी.जायेंगी. इस प्रकिया को मूर्त रुप देने क लिए कर्मचारियों की नियुक्ति उनकी ट्रेनिंग और जनगणना का फॉर्मेट तैयार होगा, साथ ही इस तय वक्त मे पूरा करने के लिए फील्ड वर्क की प्लानिंग की जाएगी. आजादी बाद ये पहला मौका होगा जब देश में जनगणना और जातिगत जणगणना एक साथ होगी.

कोविड -19 के कारण 2019 में नहीं हो पाई थी जनगणना
आजादी के बाद से देश में व्यवस्था की गई कि प्रत्येक दस साल में एक बार जनगणना होगी, ताकि जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए उचित डाटा तैयार रहे. जनगणना के माध्यम से देश की जनसंख्या, लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ साथ आय , रोजगार समेत अन्य आंकड़े भी एकत्रित किये जाते है. आबादी की गणना दुनिया के सबसे बड़े प्रशासनिक कार्यों मे से एक हैं, जिसे भारत में गृह मंत्रालय के तहत ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर करवाते हैं लेकिन 2020 में आई कोरोना महामारी के कारण 2021 में होने वाली जनगणना को टालना पड़ा था. अब केंद्र सरकार ने 2025 में जनगणना कराने के लिए प्रक्रिया शुरु की है.
कितने चरणों मे होगी जनगणना का प्रकिया ?
सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक इस बार जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में होगी. पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 तक पूरा होगा, वहीं दूसरा दूसरा चरण 1 मार्च 2027 तक पूरा किया जायेगा. जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात (मिड नाइट ) को रेफरेंस डेट माना जाएगा. इसका मतलब ये हुआ कि 2025 की जनगणना में 1 मार्च 2027 की आधी रात को जो डाटा होगा वही रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. 1 मार्च 2027 के बाद सरकार जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करेगी.
कुछ राज्यों में 1 अक्टूबर 2026 तक प्रक्रिया हो जायेगी पूरी
जिन राज्यों की खास भोगोलिक स्थिति है, जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड इनमें एक अक्टूबर 2026 तक जनगणना पूरी कर ली जाएगी. दरअसल इन इलाकों में ठंढ़ के दौरान मौसम की दुश्वरियों को देखते हुए यहां पहले जनगणना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है.
जनगणना के बाद परिसीमन
भारत सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक जनगणना 2025 की प्रकिया अगले 21 महीनों यानी 1 मार्च 2027 तक पूरी कर ली जायेगी. प्रारंभिक जानकारी मार्च 2027 में ही जारी कर दी जायेगी लेकिन इस जनगणना की पूरी और विस्तृत जानकारी दिसंबर 2027 तक जारी होगी. फिर 2029 के लोकसभा और राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 2028 तक परिसीमन का काम शुरु का जायेगा.
2029 में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण भी होगा लागू
जानकारी के मुताबिक 2027 के जनगणना के बाद 2029 में सरकार महिला आरक्षण के लिए भी प्रक्रिया शुरु करेगी. केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक 2029 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं को दिये जाने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया जायेगा. यानी 2029 के चुनाव से पहले महिलाओं के लिए आरक्षित 33 फीसदी सीटों की स्थिति भी साफ हो जायेगी.
जनगणना के बाद परिसीमन आयोग का होगा गठन
जनगणना के बाद सरकार परिसीमन आयोग का गठन करेगी ताकि आबादी के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा में सीटों का बंटवारा हो सके. परिसीमन को लेकर दक्षिण भारत में परेशानी बढ़ी हुई है क्योंकि यहां उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले आबादी का घनत्व कम है. ऐसे में दक्षिण भारत में लोगों को ये डर हैं कि परिसीमन में अगर सीटें घट जाती हैं तो केंद्र की सरकार यानी लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व कम हो सकता है. ऐसे में परिसीमन से पहले सरकार को इस समस्या का निदान निकालना होगा.
जनगणना की प्रकिया क्या होगी और कैसा होगा प्रोफार्मा ?
जनगणना शुरु होने के पहले सरकार एक प्रोपॉर्मा बनायेगी, जिसमें हाउसिंग और और पॉपुलेशन सेंसस के लिए प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस बार की जनगणना में हर नागरिक से उनकी जाति और संप्रदाय से संबंधित सवाल भी पूछे जायेंगे. 2025 की जनगणना में करीब 34 लाख कर्मचारी हिस्सा लेंगे. इन कार्मचारियों को पहले ट्रेनिंग दी जायेगी, फिर पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे. कर्मचारियों की ट्रेनिग दो महीने तक चलेगी. ट्रेनिंग के दौरान कर्मचारियों को डिजिटल डिवाइस और मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा.
जगनणना के लिए जो सॉफ्टवेयर बनाया जायेगा उसमें जाति, उप-जाति और OBC के लिए कॉलम बनाये जाएंगे.इसके अलावा हाउसिंस सेंसस, संपत्ति और अन्य सुविधाओं से संबंधित जानकारी के लिए भी कॉलम होंगे जिन्हें टिक करना होगा. आम तौर पर जनगणना दो फेज में कराई जाती थी जिसमें एक फेज में हाउसिंग सेंसस होता था और दूसरे में जनसंख्या , लेकिन इस बार की जनगणना डिजिटल पर आधारित होगी और एक ही फेज मे कराई जायेगी.
इस बार जनगणना में होंगे कितने सवाल ?
जनगणना के दौरान सरकार देश की बादी के साथ- साथ लोगों की आर्थिक स्थिति और सामाजिक स्थिति का भी डाटा तैयार करती है. इस प्रकिया के दौरान जनगणना ड्यूटी में लगाये गये कर्मचारी घर घर जाकर लोगों से सवाल पूछते हैं. इस बार 30 सवाल पूछे जाने की संभावना है, जिनमें हर घर में मौजूद लोगों के नाम, आयु, लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, रोजगार, धर्म, जाति, और उप-संप्रदाय, परिवार के मुखिया के साथ रिश्ता, आवासीय स्थिति और प्रवास से जुड़े सवाल शामिल होंगे.
आम जनगनणा के साथ जाति जनगणना भी होगी
आजादी के बाद देश में पहली बार जनगणना और जातिगत जनगणना एक साथ होगी. इसमें OBC, SC, ST, और सामान्य श्रेणी की सभी जातियों की गिनती की जाएगी. इस जनगणना में आम नगरिको की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिए उनकी इंकम, शिक्षा और रोज़गार का डेटा एकत्रित किया जायेगा. इस बार हर नागरिक को उनकी अपनी जाति बताने का विकल्पभी मिलेगा. जिसकी मांग कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां लंबे समय कर रही है. साल 1931 के बाद ये पहली बार होगा जब जातिगत जनगणना, जनगणना का हिस्सा होगी.