दिल्ली प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) में हो रही चीतों की मौत के मामले में आज दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. बैठक में मध्य प्रदेश वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों को बुलाया गया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि कूनों नेशनल पार्क में लगातर चीतों की हो रही मौतों को देखते हुए इन्गें श के दूसरे जंगल में शिफ्ट करने पर विचार हो सकता है.

इंफेक्शन से चीतों की मौत
कूनो नेशनल पार्क मे पिछले 4-5 महीनों में 8 चीते की मौत हो चुकी है. सूरज और तेजस नाम के चीते की मौत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता को झटका लगा है. कूनो नेशनल पार्क में चीतो की मौत के बाद जो सबसे जरुरी जानकारी सामने आई है वो ये कि चीतों की लड़ाई और अन्य कारणों से घायल होने के बाद जो इंफेक्शन हुआ उसे ये चीते झेल नही पाये. कहा जा रहा है कि यहां का वातावरण चीतों के लिए उपयुक्त साबित नहीं हो पा रहा है. अब इसे देखते हुए चीतों के स्थान बदलने पर विचार हो सकता है.

कारणों की जांच के लिए केंद्र ने भेजी टीम
चीतों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने इसकी जांच के लिए केंद्र से वन्य जीव विशेषज्ञों की एक टीम को कूनो नेशनल पार्क भेजा था. इस टीम में केंद्र से मुरली और वी हरिनी, ओडिशा से मनोज नायर, गुजरात से मोहन राम, कर्नाटक से दीप कांट्रेक्टर औऱ एनएस शामिल हैं. इस साथ ही केंद्र सरकार ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को स्थिति पर लगातार निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. अब आज पीएम मोदी इन तमाम लोगों से मिली जानकारी की समीक्षा करेंगे. इसके बाद कूनों में चीतों को रखा जाये या नहीं, इसपर फैसला लिया जा सकता है.

अफ्रीकि देश नामिबिया से लाये गये थे चीते
आपको बता दें कि करीब 10 साल की लंबी जद्दोजहद के बाद भारत में अफ्रिकी देश नामीबिया से पीएम मोदी के Project Cheetah के तहत 17 सितंबर 2022 को 8 चीते कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गये थे, फिर इस साल जनवरी में 12 और चीते लाये गये. कुल मिलाकर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाये गये 20 चीते थे जिनमें से 8 की मौत हो चुकी है. इनमें 3 शावक भी थे.