Tuesday, April 22, 2025

अखिलेश यादव के एकतरफा ऐलान के क्या हैं मायने,उत्तर प्रदेश को फिर भायेगा दो लड़कों का साथ ?

Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश में अभी विधानसभा के चुनाव होने में लगभग डेढ़ से 2 साल का समय बाकी है, लेकिन राज्य में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अभी से रणनीतियों को अमली जामा पहनाना शुरु कर दिया है.

Akhilesh Yadav का कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान  

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और लोगों को इन दो लड़कों की जोड़ी इतनी पसंद आई कि इन्होने मिलकर 80 में से 43 सीटों पर अपनी विजय पताका फहरा दी.इसलिए  लोकसभा चुनाव के बाद से ही ये माना जा रहा था कि आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनो दल मिलकर ही मैदान में उतरेंगे लेकिन इस अनुमान को झटका तब लगा जब दिल्ली में कांग्रेस ने गठबंधन से इतर अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया.

कांग्रेस ने हरियाणा और दिल्ली का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा 

इससे पहले हरियाणा, चुनाव में भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी जिस देखते हुए राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के किसी के भी साथ लड़ने की संभावना पर प्रश्नचिन्ह लग गया. अब इन सब के बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन यूपी चुनाव 2027 में भी जारी रहेगा. अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी इंडिया ब्लॉक के साथ ही उतरेगी.

अखिलेश यादव के एकतरफा बयान के क्या हैं मायने ?

अखिलेश यादव ने एकतरफा ही कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहने का ऐलान किया है और इसपर कांग्रेस की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ऐसे में अखिलेश यादव के इस एक तरफा बयान के सियासी मायने लगने शुरु हो गये हैं. सवाल उठ रहे है कि अखिलेश यादव क्या उत्तर प्रदेश में बिहार की तरह लालू प्रसाद यादव जैसी भूमिका निभाना चाहते हैं?

समाजवादी पार्टी और राजद की राजनीतिक पृष्ठभूमि

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर समाजवादी पार्टी को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बात क्यों हो रही है . तो आपको जानना चाहिये कि लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों ही जनतादल से निकली है. बिहार में लालू यादव के पास एमवाय (MY) यानी मुस्लिम और यादव वोट पर पकड़ है वहीं यूपी में इसी मुस्लिम यादव वोटबैंक पर सपा की पकड़ है.

बिहार में राजद 1999 से ही कांग्रेस के साथ  गठबंधन में है और इस गठबंधन में लालू यादव की राजद कांग्रेस के साथ बड़े भाई के रोल में है. बिहार में सीट शेयरिंग से हर तरह के फैसले गठबंधन के लिए लालू यादव ही लेते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान भी राजद ने ही कांग्रेस के लिए सीटों का चुनाव किया. कांग्रेस की तरफ से पप्पू यादव को पूर्णिया का कैंडिडेट एक तरह से बना दिये जाने के बाद भी राजद ने कांग्रेस को पूर्णिया सीट नहीं दी बल्कि वहां से अपने कैंडिडेट को उतारा .बेगूसराय सीट को लेकर भी कांग्रेस को राजद की बात ही माननी पड़ी.

अब देखा जाये तो उत्तर प्रदेश में एक तरह से एकतरफा फैसला लेते हुए अखिलेश यादव भी कमोवेश ऐसा ही कर रहे हैं.लोकसभा चुनाव के समय अखिलेश याद ने कांग्रेस की मांग को किनारे करते हुए केवल 17 सीटें देने का ऐलान किया और कांग्रेस को 17 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. कहा तो ये तक गया कि लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने सीट शेयरिंग की बातचीत के दौरान कांग्रेस को अपने संभावित उम्मीदवार के नाम तक देने के लिए कह दिया था. उपचुनावों में भी समाजवादी पार्टी का कांग्रेस पर दबदबा रहा. यानी कमोवेश देखा जाये तो कांग्रेस की जैसी तस्वीर बिहार में है,वैसा ही हाल उत्तर प्रदेश में भी है.

अखिलेश के ऐलान के मायने क्या?

दरअसल माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने पहले गठबंधन का ऐलान करके कांग्रेस को उलझा दिया है. आगे अगर कोई ऐसी स्थिति बनती हैं जब कांग्रेस का सपा से गठबंधन न हो पाए तब भी  सपा के पास कांग्रेस को जिम्मदार ठहराने का आधार होगा. समाजवादी पार्टी ये कहने की स्थिति में होगी कि हमने तो 2 साल पहले ही ये एक साथ चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन का ऐलान किया था.

माना जा रहा है कि ये सारी कवायद अखिलेश यादव की सोची समझी रणनीति का ही नतीजा है. समाजवादी पार्टी अगर कांग्रेस को साथ लेकर चलती है तो राज्य में एंटी बीजेपी वोट का बिखराव कम होगा और चुनाव में मुकाबला सीधा होगा. देखा जाये तो हरियाणा चुनाव से  लेकर दिल्ली तक के  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह से अकेले लड़ने का फैसला किया और उसके कारण जो  एंटी बीजेपी वोटों का बिखराव हुआ, उसे लेकर अखिलेश अभी से ही अलर्ट में हैं. अब इंतजार इस बात का है कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है.

ये भी पढ़ें : – रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़, पुतिन ने दिया शांति का प्रस्ताव

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news