Trump India’s tariff claim : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के टैरिफ को लेकर एक बड़ा बयान है. डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए हुए कहा कि भारत ने अमेरिका के सामान पर लगने वाले टैरिफ को ‘ना के बराबर कर दिया है. ट्रंप ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा टैरिफ है लेकिन उन्होंने अमेरिकी सामानों पर लगने वाले टैरिफ को घटाकर ना के बराबर कर दिया . भारत ने किसी और के लिए नहीं बल्कि केवल मेरे लिए ऐसा किया है.
🇮🇳🇺🇸 India agrees to eliminate all tariffs on US goods, President Donald #Trump says.
“They’ve already agreed. They would have never done that for anybody else but me.” pic.twitter.com/EuZeGulUVy
— Crypto Aman (@cryptoamanclub) May 6, 2025
Trump India’s tariff claim : भारत सरकार की तरफ से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई !
डोनाल्ड ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल ही रही है और अब तक कम से कम भारत की तरफ से किसी भी तरह के फैसले को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जो ट्रंप के इस दावे की पुष्टि करता हो कि टैरिफ “ना के बराबर” कर दिए गए हैं.
ट्रंप ने अपने दावे के समर्थन में कोई ब्योरा साझा नहीं किया है
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये तो कहा कि भारत ने अमेरिकी से आने वाली वस्तुओं पर टैरिफ ना के बराबर कर दिया लेकिन समझौते को लेकर कोई डिटेल साझा नहीं किया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
भारत और अमेरिकी के बीच लंबे समय से ट्रेड को लेकर डील पर बातचीत चल रही है,. खास कर राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ ऐलान के और फिर 90 दिन के स्टे के बाद इस बातचीत में प्रगति हो रही है, लेकिन भारत सरकार की तरफ से अब तक किसी समझौते को लेकर जानकारी साझा नहीं की गई है.
भारत अमेरिका को बीच अब तक कोई व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं
अमेरिका लंबे समय से ये मांग कर रहा है कि भारत अपने देश में आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ कम करे और आयातित सामानों को बाजार उपलब्ध कराये . अब इसके बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी तरफ से ये ऐलान कर दिया है कि भारत ने उनके देश से आयात होने वाले सामानों पर टेरिफ ना के बराबर कर दिया है. ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साने ही कहा कि भारत पहले से ही टैरिफ कम करने पर सहमत हो चुका है. हलांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो दावा किया है उसके समर्थन में अब तक भारत सरकार की तरफ से कोई विवरण नहीं आया है, ऐसे में माना जा रहा है कि एक बाऱ फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति एकतरफा बयान दे रहे हैं.
भारत और अमेरिका के बीच पिछले राष्ट्रपति जो बाइडेन के समय भी व्यापार समझौते पर बातचीत हो रही थी लेकिन टैरिफ समेत कई और मुद्दो पर बात नहीं बनी और 2019 में डील होते होते रह गई थी.
लिवरेशन डे पर अमेरिका ने की थी नये टैरिफ नीति की घोषणा
अमेरिकी में एक बार फिर से ट्रंप सरकार ने आते ही अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ दुनिया भर के उन देशों पर भारी भरकम टैक्स लगा दिया जिनके साथ उनके व्यापारिक संबंध है. ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी तो चीन से आयात होने वाले सामानो पर 145 फीसदी का टैक्स लगा दिया. हलांकि जब दुनिया के देशों ने पलटकर अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढाना शुरु कर दिया तब अमेरिका ने बातचीत करने के लिए चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगा दी है. भारत से आयात होने वाले सामानो पर अमेरिका ने फिलहाल 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट का कहना है कि उनका देश चीन को छोड़कर अपने सभी 17 प्रमुख व्यापारिक साझेदारों से बातचीत कर रहा है. जल्द ही सभी देशों से बातचीत करके नये टैरिफ की घोषणा की जायेगी.
ट्रंप के दावे में क्यों नहीं है दम ?
जानकारों का मानना है कि ट्रंप के ना के बराबर टैरिफ का दावा बड़बोलापन ही प्रतीत होता है, क्योंकि भारत जैसा देश अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए काफी हद तक टैरिफ पर निर्भर हैं, ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर टैरिफ को लगभग ना के बराबर कर देने की संभावना कम है.
विश्व व्यापार संगठन के नियम के मुताबिक भी ऐसा फैसला करना जटिल
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के मुताबिक भी किसी देश के लिए टैक्स में एकतरफा इतनी बड़ी कटौती करना मुश्किल है. ऐसे समझौते के लिए व्यापक द्विपक्षीय समझौते की जरुरत होती है और फिलहाल भारत अमेरिका के बीच ऐसे किसी समझौते को लेकर जानकारी सार्वजनिक नहीं है.
दरअसल माना जा रहा है कि ट्रंप ने अपनी अपने रेसिप्रोकल टैरिफ नीति के तहत जिन देशों पर टैरिफ लगा कर विश्व बाजार में हलचल मचा दी थी, उसे अब राष्ट्रपति अपने घरेलू राजनीति को चमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.