Thursday, December 18, 2025

दिल्ली एनसीआर में फैले जहरीले प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी – हमें उठाने होंगे कारगर कदम

Pollution Supreme Court : बुधवार 17  दिसंबर  को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर के फैले वायु प्रदूषण पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. ये सुनवाई सीजेई सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच तीन जजों की पीठ में हुई. पीठ में मुख्य न्यायधीश जस्टिस सूर्यकांत के साथ जस्टिस जोयमाल्या बागची और विपुल एम पंचोली मौजूद थे.

Pollution Supreme Court:सरकार के उपाय नाकाफी 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रदूषण नियंत्रण के मौजूदा उपायों को पूरी तरह से फेल्योर करार दिया.कोर्ट ने कहा कि ये समस्या साल दर साल दोहराई जा रही है,इसलिए इसे दीर्घकालिक समाधान योजना की जरूरत है.

सर्दियों में रोकना पड़ेगा टोल प्लाजा कलेक्शन

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सर्दियों के मौसम यानी  अक्टूबर से लेकर जनवरी तक दिल्ली की सीमाओं पर टोल कलेक्शन को अस्थायी रूप से रोक दिया जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम से प्रदूषण बढ़ता है.

कोर्ट ने 9 टोल प्लाजा के संचालन को अस्थायी रूप से रोकने का निर्देश दिया और दिल्ली नगर निगम (MCD) को NHAI के साथ सहयोग करके एक सप्ताह में फैसला लेने के लिए भी कहा. सुप्रीम कोर्ट ने CAQM और MCD को नोटिस जारी कर ट्रैफिक जाम से जुड़े प्रदूषण पर जवाब भी मांगा है.

स्कूल बंद करने के फैसले पर हस्तक्षेप नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने आज की सुनवाई के दौरान कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को बंद करने के मामले पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा कि GRAP के तहत स्कूल खोलना और बंद करना नीति और विशेषज्ञों का क्षेत्र है, न्यायालय का नहीं.  याचिका लेकर आने वाले वकील पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि “वकील ही विशेषज्ञ बन जाते हैं.” कोर्ट ने ये भी दुआ किया कि छुट्टियां खत्म होने तक प्रदूषण कम हो जाए.

मजदूरों के मुअवजा देने पर सरकार करे विचार

कोर्ट ने आज की सुनवाई के दौरान कहा कि निर्माण के क्षेत्र से जूड़े मजदूरों के लिए वैकल्पिक काम और मुआवजे पर विचार किया जाना चाहिये. देखा जा रहा है कि अमीर वर्ग की जीवन शैली जिसमें ज्यादा वाहन, एसी आदि का इस्तेमाल करने के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण का खामियाजा सबसे ज्यादा गरीब भुगतते हैं.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंधों के कारण खाली बैठे मजदूरों का वेरिफिकेशन किया जाये और उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किये जायें.

7 हजार मजदूरों का हुआ वेरिफिकेशन – दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि निर्माण क्षेत्रों से जुड़े करीब ढ़ाई लाख  मजदूरों में से 7,000 का वेरिफिकेशन हो चुका है. अब सरकार  उनके खातों में पैसा ट्रांसफर करेगी.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि मजदूरों के अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया पैसा ‘गायब’ होकर किसी दूसरे के अकाउंट्स में चला जाए. 

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